बचपन

बचपन की मस्ती कहां वापस आती है।

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Resmi Sharma (Nikki )
Resmi Sharma (Nikki ) 01 Feb, 2021 | 1 min read

बचपन


छोटा मन छोटी आशा कहां समझे बड़ों की भाषा बचपन सबसे सुंदर होती निश्चल मन मदमस्त है रहती।। 


अमीर गरीब का पाठ न जाने बस प्रेम सदभाव है जाने रंग बिरंगे फूलों संग ये बहते यहां वहां कहीं ना ठहरते।। 


मनमोहक मुस्कान से मन मोह लेते हैं पंख लगा कर क्यों यह बचपन इतनी जल्दी दूर कहीं उड़ जाते हैं।। 


फूल फूल कली कली मुस्काता यह अल्हड़ बचपन कहां मिलती ऐसी आजादी चाहे उम्र हो जाए पचपन।।


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Resmi Sharma (Nikki )

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