आज भी गुनगुनाता हूँ

यादें जो कभी पीछा नहीं छोड़ती।एहसास प्यार का हर पल साथ रहता है।

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Resmi Sharma (Nikki )
Resmi Sharma (Nikki ) 24 Feb, 2021 | 1 min read

आज भी तेरी बातों को गुनगुनाता हूँ।।

 तेरा चेहरा पढ़ जज्बातों को सुनाता हूँ।।


 माना जुर्म है मोहब्बत करना साहब।

कहां खुलेआम सबको बताता हूँ।।

 

चुपचाप सुनता हूँ तेरी धड़कनों को।

तेरे चेहरे पर लटो को गिनता हूँ।।


मालूम है हमें बंदिशों की दीवार भी। 

खुलकर इसलिए भी कहाँ तुम को बताता हूँ।।


हर वक्त "रश्मि" बिताए लम्हों को संजोता हूँ।

आज भी तेरी बातों को जेहन में रखता हूँ।।

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Resmi Sharma (Nikki )

resmi7590

Comments

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  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    खूबसूरत भावपूर्ण सृजन

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