तुझको लिखने लगा हूँ

तनहाई में कुछ बातें याद आती है कुछ भुली बिसरी याद साथ आ जाती हैं।

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Resmi Sharma (Nikki )
Resmi Sharma (Nikki ) 09 Mar, 2021 | 0 mins read

तनहाइयों में मैं अब तड़पने लगा हूँ

हर पन्नों पर तुझको लिखने लगा हूँ


हर पल आस तेरे आने की रखने लगा हूँ

सच कहूं जिंदगी से अब थकने लगा हूँ


शिकवा शिकायत कर लूं मैं जितनी

खुद को ही खुद से छुपाने लगा हूँ


अकेले अंधेरे कोनों में मुस्कुराने लगा हूँ

हर रोज ख्वाबों में तुझको सजाने लगा हूँ


अब इनायत हो रही है हर पन्नों पर

गजल तेरे नाम की बस लिखने लगा हूँ


छोड़ दिया है जग सारा हमने बस तेरे लिए

चुपके से तेरे आने का इंतजार करने लगा हूँ

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Resmi Sharma (Nikki )

resmi7590

Comments

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  • Mithlesh Singh · 3 years ago last edited 3 years ago

    बेहतरीन सृजन

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