जंक फूड

Junk food is dangerous for body

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rekha jain
rekha jain 04 Jul, 2022 | 1 min read

"भाग दौड़ भरी जीवनशैली में जंक फूड"

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आज के भागदौड़ भरी जीवनशैली में फास्ट फूड और जंक फूड का सेवन बहुत ही बढ़ गया है. कामकाज में व्यस्त लोग वैसा भोजन पसंद करते हैं जो आसानी से और कम समय में तैयार हो जाये. इसी जरूरत को पूरा करने के लिए लोग फास्ट फूड का खूब प्रयोग कर रहे हैं. फास्ट फूड आहार के अंतराल वह भोजन होता है, जिसे आप रेस्तरां से ऑर्डर करते हैं और आपका यह ऑर्डर कुछ ही मिनटों में आपको उपलब्ध हो जाता है। इन फूड को इस तरह से डिजाइन किया जाता है, जो आपके तेज रफ्तार में उपलब्ध हो जाए। फास्ट फूड में पिज्जा, बर्गर, चाउमीन, फ्राइज जैसी चीजें शामिल होती हैं। 

जंक फूड ऐसे आहार को कहा जाता है, तो आपको पैकेट में उपलब्ध होता है और जिसे बनाने का झंझट नहीं होता है। बस पैकेट खोला और खा लिया। एक्सपर्ट का कहना है कि जंक फूड में पोषक तत्वों की मात्रा जीरो के बराबर होती है। एक शब्दों में इस तरह के आहार को आप कैलोरी से भरपूर आहार कह सकते हैं। जंक फूड में चिप्स, पैकेट बंद सैंडविच, कुरकुरे जैसी चीजें शामिल होती हैं। 

जंक फूड शब्द का अर्थ उस भोजन से है, जो स्वस्थ शरीर के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता है। इसमें पोषण की कमी होती है और इसके साथ ही यह शरीर के लिए भी हानिकारक होता है। 

जंक फूड आमतौर पर विश्व भर में चिप्स, कैंडी जैसे अल्पाहार को कहा जाता है। बर्गर, पिज्जा जैसे तले-भुने फास्ट फूड को भी जंक फूड की संज्ञा दी जाती है तो कुछ समुदाय जाइरो, तको, फिश और चिप्स जैसे शास्त्रीय भोजनों को जंक फूड मानते हैं। इस श्रेणी में क्या-क्या आता है, ये कई बार सामाजिक दर्जे पर भी निर्भर करता है

ज्यादातर जंक फूड उच्च स्तर पर वसा, शुगर, लवणता, और बुरे कोलेस्ट्रॉल से परिपूर्ण होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए जहर होते हैं।

आमतौर पर, जंक फूड देखने में बहुत ही आकर्षक और स्वादिष्ट लगते हैं और सभी आयु वर्ग के लोगों द्वारा इन्हें पसंद भी किया जाता है। लेकिन वास्तव में जंक फूड स्वास्थ के लिए काफी हानिकारक होते हैं। इसलिए वह जितने आकर्षक दिखते हैं  अंदर से उतने ही विपरीत होते है

जंक फूड आवश्यक पोषक तत्व जैसे विटामिन, प्रोटीन और फाइबर प्रदान नहीं करते हैं, जिसकी वजह से इसकी अधिकता होने पर ऊर्जा में कमी महसूस हो सकती है। पोषक तत्व कम होने के कारण इसका अधिक सेवन करने से शरीर में पोषण की कमी हो सकती है। जंक फूड के सेवन से ध्यान केंद्रित करने यानी एकाग्रता में समस्या हो सकती है।

सीएसई के पर्यावरण निगरानी प्रयोगशाला (ईएमएल) ने 33 लोकप्रिय जंक फूड पदार्थों में नमक, वसा, ट्रांस वसा और कार्बोहाइड्रेट का परीक्षण किया, जिसमें चिप्स, नमकीन, इंस्टेंट नूडल्स और इंस्टेंट सूप के 14 नमूने और बर्गर, फ्राइज, फ्राइड चिकन, पिज्जा, सैंडविच के 14 नमूने शामिल थे। इन नमूनों को दिल्ली में किराने की दुकानों और फास्ट फूड आउटलेट से एकत्र किया गया था और देश भर में इन्हें व्यापक रूप से बेचा और इनकी खपत के लिए जाना जाता है।


फास्ट फूड बनाने में समय कम लगता है जिस कारण से इसके सेवन से समय की भी बचत होती है. इसी कारण से आज लगभग हरेक जगह फास्ट फूड का दुकान मिल जाता है. जिस कारण आसानी से यह उपलब्ध हो जाता है और इसके सेवन से लोगों को समय की बचत भी होती है. फास्ट फूड से बनाने वाले व खाने वाले दोनों को समय की बचत होती है.


लाइफस्टाइल में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। ये बदलाव आहार से भी जुड़े हुए हैं। हर किसी की डाइट का यह अहम हिस्सा बन चुका है। बात करें फास्ट फूड के फायदे और नुकसान की, तो जंक फूड के नुकसान कई सारे हैं। इससे लाभ होना मुमकिन नहीं है, लेकिन स्वाद के कारण यह बच्चे से लेकर व्यस्कों का प्रिय आहार बन चुका है। जंक फूड के नुकसान 


जंक फूड के लगातार सेवन से अतिरिक्त वसा, सामान्य कार्बोहाइड्रेट और प्रसंस्कृत चीनी का सेवन बढ़ जाता है जिससे मोटापा और हृदय रोगों का खतरा बढ़ सकता है। परिणामस्वरूप मोटापा धमनियों का रुकना शुरू कर सकता है जिसकी वजह से दिल का दौरा पड़ सकता है। यह भी सुझाव दिया गया है कि जंक फूड खाने से मस्तिष्क उसी तरह प्रभावित होता है जैसे नशे की दवाओं का सेवन करने से।


आईसीएमआर के अनुसार जंक फूड या अस्वास्थ्यकर आहार के कारण बीमारियां बढ़ गई हैं,जंक फूड की लत से फल, सब्जियां, सलाद आदि जैसे स्वास्थ्यप्रद खाद्य विकल्पों को खाने का मन नहीं करता है, जिसके कारण शरीर में पोषण की कमी हो जाती है।


जंक फूड को छोड़ना एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जो जंक फूड की दैनिक खुराक के आदी हैं, तो आपके लिए इन्हें छोड़ना जरा सा कठिन होगा। पहले कुछ दिन कठिन हो सकते हैं क्योंकि आप इनमें से कुछ लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं: चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, ऊर्जा के स्तर में गिरावट और इसी तरह। धीरे-धीरे आप इससे छुटकारा पा सकते हैं। जहां इच्छा शक्ति प्रबल होती है वहां सबकुछ संभव हो सकता है।


डॉ रेखा जैन शिकोहाबाद

स्वरचित व मौलिक अप्रकाशित अप्रसारित रचना




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