निराले नट्टू भाग 2

एक हास्य कथा

Originally published in hi
Reactions 0
435
rekha shishodia tomar
rekha shishodia tomar 01 Jun, 2020 | 1 min read

पहले भाग में बताया नट्टू जी का नाम और बचपन के काम।।अब आगे की गाथा सुनिए।।ऐसे विभूति जन्मो में जन्म लेती है।।


           नट्टू जी जैसे जैसे बड़े होते गए पिता से मनमुटाव और यारो से घनिष्ठता बढ़ती गयी।।मजाल की कोई उम्र में बड़ा दोस्त भी नट्टू बोल दे,"कुंवर जी" इसी नाम से जाने जाते थे दोस्तो के बीच।।दोस्त क्या,बस समझीये करेला उसपे नीम चढ़ा।।

एक बार दोस्तो के साथ होली पर भांग चखने का प्रोग्राम बना।।होली वैसे भी भयंकर वाली खेलते थे,कहते थे कपड़े न फ़टे,दोस्तो को नाली में घुसा घुसा के कीचड़ में ना लपेटे,तो क्या होली।।आलम ये की कोई इनके कपड़े न फाडे तो खुद ही फाड़ लेते थे।।

                  तो एक बार भांग चढ़ गई और लहराते बल खाते घर पहुँचे, दरवाजे पर पिताजी बोले"नालायक बस इसकी कमी रह गयी थी" और नट्टू जी आज पूरे कुँवर के मूड में बोले"तू चुप रह"ओफ्फो पिता की क्या स्थिति होगी बस हम अंदाज लगा सकते है।।आंखों से अंगारे बरसाते हुए कहा,"बदतमीज तू करके बात करेगा" नट्टू जी बोले"तुझसे नही कह रहा" पिता को काटो तो खून नही"क्या बोला...क्या बोला.. फिर से तू तड़ाक।।और नट्टू जी बड़े शांत भाव से बोले"ये भी तुझसे ना कह रहा"

फिर सुबह नट्टू जी को ये समझ नही आ रहा था अचानक मोटापा क्यो बढ़ गया।।

कुछ भी था दोस्तो के परिवार में इमेज बड़ी अच्छी थी।।सबको लगता हमारे बच्चे इसके साथ रह कर कुछ कर गुजरेंगे,क्योंकि नट्टू जी थे अंधो में काना राजा।।इतनी बड़ी बड़ी और समझदारी वाली बात करते,लगता की ये महान इंसान इस गांव में क्यो अपना समय व्यर्थ गवा रहा है।। पर आखिरकार इस सम्मोहन का भी अंत हुआ।।

इनका एक मन्नू नाम का दोस्त,उसके पापा ने लिया स्कूटर।।अब आप अंदाज लगायो गांव में पहला स्कूटर,लेकिन उस पर मन्नू ने बैठाया सिर्फ नट्टू को। गांव के बाहर स्कूटर की खुशी में मदिरा पार्टी हुई। वापस आते आते शाम ढल गयी।।नशे में नट्टू को सनक सवार हुई"ओए मन्नू, स्कूटर तेरा भाई चलाएगा" अब दोस्ती कितनी भी पक्की हो,नई गाड़ी नई लड़की के सामने कुछ नही है।।साफ इंकार..नट्टू जी चुप..बीच मे लघुशंका के लिए लिए जो मन्नू जी उतरे,स्कूटर के साथ नट्टू 9..2..11।।सीधे पहुचे मन्नू के घर बोले "ताऊ तुम्हारा स्कूटर बाहर खड़ा है"।।"अर मन्नू कहाँ है?" "ताऊ मुझे ना पता'

                 " तेरे साथ ही तो था"।।"ना ताऊ मुझे न पता, आजकल जमाना बहुत खराब है।चलो किशन से पूछते है।।

इतनी रात को अपने यहाँ भीड़ देख कर किशन घबरा गया।।सबसे पहले नट्टू अकड़ कर सामने आया और बोला"क्यो रे किशन मन्नू कहाँ है,सच सच बता दे सबको समझा दूंगा कोई कुछ नही कहेगा तुझे।।

किशन समझ गया आज चढ़ गई है,एक खिंच के दिया झापड़ और सबसे बोला इससे पूछे इसके साथ गाँव के बाहर गया था।।अब परिवार वाले घबरा गए कि आज तो नट्टू ने मार दिया उनका बेटा।।बहुत धुनाई हुई,ढूंढेर मची मन्नू की तो जनाब शराब के नशे में खेत मे सोते मिले।।उस दिन पहली बार नट्टू के अलावा कोई और भी था जो जूते चप्पलो से ताबड़ तोड़ पीटा गया,"मन्नू"

                     ऐसा नही था हर बार गलती उनकी होती थी।।बेचारे इतने बदनाम थे कि किसी झगड़े की जगह से निकल भी जाते तो टिकट उन्ही के नाम का कटता।।गांव में 12वी तक का स्कूल खुला था,नई नई विज्ञान की प्रयोगशाला बनी।।मास्टर जी ने नट्टू को बुलाकर बताया"देखो नट्टू क्लोरोफॉर्म आया है लैब में,तुम्हारी जिम्मेदारी है कि कोई बच्चा उसे सूंघे ना।।लंच टाइम पर सब बच्चे नई प्रयोगशाला देखने गए,नट्टू ने सबको चेताया लेकिन एक जाधव नाम का बच्चा जिसे जड्डू कहते थे,ये कहकर "अरे लाओ हम देखेंगे ऐसी कौन सी चीज है जो हमे बेहोश कर दे" जो नाक पे लगाया तो चारो खाने चित्त।।

                    पूरे गांव में शोर हो गया की रामेसर(रामेश्वरम) के लड़के ने जड्डू मार दिया।।और पिताजी फादर इंडिया बनकर खुद ही पुलिसथाने ले गए नट्टू को।।बाद में जाके सब बातें खुली और लोगो को यकीन हुआ कि हर गलत काम के जिम्मेदार बेचारे नट्टू नही थे।।।


0 likes

Published By

rekha shishodia tomar

rekha

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.