भक्त हनुमान

प्यारे हनुमान

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rekha shishodia tomar
rekha shishodia tomar 28 Jun, 2020 | 0 mins read

राम जी लंका जीत कर आये

अयोध्यावासी मन हर्षाये

दीप थाल से नगरी सजाई

प्रभु राम की स्तुति गाई

अब तो राम राज्य आया है

सारे जग प्रकाश छाया है

सीता जी, अनुज मन मे सुख पाए

श्री राम की सेवा का मौका पाए

हनुमान ना देते सेवा का अवसर

क्या करे सोचते, वे सब अक्सर

माँ सीता एक युक्ति पाई

दी एक सेवा सूची बनाई

हनुमान के हिस्से सेवा आई

राम जी जब ऊंघे,दियो चुटकी बजाई

हनुमत आनन्दी सेवा पाकर

छोड़ रहे ना राम को एक पल

ना जाने कब आये उबासी

सेवा छुटे तो मन हो उदासी

शयन कक्ष में हनुमत देखे

सीता जी ने बाहर भेजे

हनुमत सोचे एक उपाय

हर क्षण रहू मैं चुटकी बजाय

प्रभु भक्त की सेवा कैसे टाले

बैठे रहे प्रभु मुँह को खोले

सीता जी यह समझ ना पाई

झट से वैद्य को लियो बुलाई

वैद्य बेचारा समझ ना पाया

तब ध्यान में भक्त है आया

हनुमत अब चुटकी ना बजाओ

प्रभु राम को लियो छुड़ाई

तुम सा भक्त ना तुम सा सेवक

तुम सा भाई ना तुम सा युद्धक

तुमने सिद्ध किया है जग में प्रभु सदा है भक्त के वश में।

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