वारिस

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rekha shishodia tomar
rekha shishodia tomar 16 Nov, 2019 | 0 mins read

"क्या बात है नेहा, ये नेता जी का बेटा बड़ा मेहरबान है तुझ पर" ऑफिस की कैंटीन में चुस्की लेते हुए शिल्पी बोली

"हम्म"

"सिर्फ हम्म, अरे शहर में बहुत रुतबा है उसके बाप का, बहुत पैसे वाले है"

"प्लीज् टॉपिक बदलेगी अब"?

"तेरी परेशानी क्या है उस लड़के से"?

"कोई परेशानी नहीं, पर उसका बाप बहुत कमीना इंसान है"

"मतलब तुझे पता है उस बात के बारे में"?

"कौन सी बात"?

"यही की कई साल पहले अपनी नवजात जिंदा बच्ची कचरे में डलवा दी थी उसने, क्योंकि उसे राजनीति में वारिस बेटा चाहिए था"

"हम्म, जानती हूँ"

"पता ही होगा तुझे, हर इलेक्शन में विपक्ष यही मुद्दा तो उठाता है...तू बाप पे मिट्टी डाल, लड़के का रुतबा भी कम नही है..शादी करके अलग हो जाना"

"हमारी शादी नही हो सकती ,ये बात वो लड़का भी अच्छे से जानता है"

"क्यों?

"वो कचरे में फेंकी गई नवजात बच्ची मैं ही हूँ"






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