प्रिकॉशन ले नाम नही

केवल बचाव नही जागरूकता भी जरूरी है

Originally published in hi
Reactions 0
1203
rekha shishodia tomar
rekha shishodia tomar 20 Mar, 2020 | 1 min read

कोरोना की भारत देश मे स्थिति अभी कंट्रोल में है पर पूरी तरह ठीक नही है, हमे कुछ नही होगा इस गलतफहमी से बाहर निकलने की जरूरत है।

जागरूक बनिए, यहां जागरूक बनने से अर्थ केवल इतना नही की बार बार हाथ धोएं, भीड़ में ना जाए, या अन्य गाइड लाइन , वो तो सोशल मीडिया और सरकार आपको समझा ही रही है।

मैं कुछ अलग पॉइंट्स आपके सामने रखना चाहती हूं

.अपने आस पास नजर रखे कि कोई है जो बाहर से आया है और खुद को आइसोलेटेड नही कर रहा.. ये बहुत ही खतरनाक है..बिना देर किए रिलेटेड अथॉर्टी को खबर करें।

इसका कारण ये है कि हो सकता है उस इंसान में 14 दिन तक कोई सिम्पटम ना दिखे और तब तक वो कितने लोगों को संक्रमित कर दे।

.किसी भी प्रकार के ऑनलाइन आर्डर को करने से बचे, और यदि आपका कोई किया ऑर्डर आ गया है तो उसे तुरंत घर के बाहर किसी सुरक्षित स्थान पर रखे.हाथो को तुरंत साबुन से 20 सेकण्ड्स तक धोए.कुरियर को कम से कम 8 घण्टे तक हाथ ना लगाए।

.अगर आप घर मे सैनिटाइजर का यूज़ कर रहे है तो भूल कर भी जलती हुई गैस चूल्हे के पास ना जाए। सैनिटाइजर में शामिल एल्कोहल आग पकड़ सकती है।

.अपने लिए नही उन लोगो के लिए दिए गए guideline को फॉलो कीजिये जो अपनी जान पर खेल कर देश की सेवा कर रहे है।

चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, वो स्टूडेंट्स जो अपनी पढ़ाई के दौरान ही जिम्मेदार डॉक्टर बन गए है, पुलिस, अधिकारी, इन लोगो के लिए सोचिये

.ये आपदा का समय है, छुट्टियां मनाने मनाने का नही

यह मुश्किल समय है, घबराए नही शांतचित्त रहकर समय समय आने वाले दिशा निर्देशों का पालन करे।

सरकार का साथ दे, मजाक ना बनाए, कल को जब आप या आपके परिवार का कोई सदस्य इसकी चपेट में आ गया तो पछतावे के सिवा कुछ हाथ मे नही आएगा।

मौत जाति, धर्म, लिंग, क्षेत्र, राज्य देखकर नही आती। अभी वक्त है संभल जाइए। एक साथ मिलकर इसे हराना है।तीसरे चरण में जाने से रोकना है।

अभी ये दूसरे चरण में है यानी ये केवल बाहर से आए लोगो के सम्पर्क में आए लोगो को संक्रमित कर रहा है।

तीसरे चरण का अर्थ होगा इसका एक कम्युनिटी में फैलना, देश के लोगो से देश को लोगो का संक्रमित होना।

अब मेडिकल और सरकार के द्वारा दिये गए दिशानिर्देशों से अलग हट कर बात करते है।

आपने एक कहावत सुनी होगी कि 24 घण्टे में आज बार जबान पर सरस्वती बैठती है, ना मानते हो पर ये जरूर मानिए की जो बातें बार् बार बोली जाएंगी, जिन पर चर्चा होगी..यूनिवर्स की एनर्जी उन चीज़ों को वापस लौटा देती है।

बहुत लोग कह रहे है न्यूज़ चैनल वाले डरा रहे है, सरदर्द कर रहे है

पर मुझे लगता है वो इतना हंगामा ना करे तो कुछ लोग वाशरूम जाकर भी हाथ ना धोये। वो कहते है कि दाग अच्छे है..ऐसे ही ये डर भी अच्छा है।

किसी नकारात्मक चीज़ की चर्चा करने से यूनिवर्स में उसकी बढ़ोतरी होती है। इसलिए ये काम न्यूज़ चैनल पर छोड़ दे उसकी मजबूरी है..आप सिर्फ उनमे बताए गए इंस्ट्रक्शन फॉलो करें और दूसरों को समझाए.. खुद उसके बारे में पूरे दिन बात ना करें..

NOTE..पूरी पोस्ट में इस बीमारी का जिक्र केवल एक बार किया गया है,नाम कम लो, प्रीकॉशन ज्यादा

.

0 likes

Published By

rekha shishodia tomar

rekha

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.