क्यो बजाए ताली, थाली और घन्टी

क्यों बोला मोदी जी ने ताली थाली और घन्टी बजाने के लिए

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rekha shishodia tomar
rekha shishodia tomar 20 Mar, 2020 | 1 min read

आप सबको पता ही होगा कि मोदी जी ने कहा हैं कि इस रविवार शाम को 5 बजे सब लोग अपनी बालकनी, या दरवाजे पर उन लोगो को धन्यवाद दे जो कोरोना की लड़ाई में योद्धा की तरह जुटे है।

इसके लिए उन्होंने कहा कि आप ताली बजाए, थाली बजाए या घण्टी बजाए।

क्या आप जानते है इसके पीछे का वेज्ञानिक कारण क्या है।

आपने साउंड थेरेपी का नाम जरूर सुना होगा, भारत मे भी और विदेशों में भी बहुत सी बीमारियों का इलाज खासकर कैंसर और डिप्रेशन के मरीजों का म्यूजिक थेरेपी या साउंड थेरेपी से किया जाता है।

इसका कारण ये होता है कि म्यूजिक या साउंड मिलकर एक वाइब्रेशन पैदा करते है जो हमारी पीनियल और पिट्यूटरी ग्लैंड पर असर डालता है, जिससे ये ग्लैंड एक्टिवेट होकर माइंड और बॉडी को डिटॉक्स होने का संदेश देती है।

तो सोचिये जब लाखो लोग एक साथ एक ही समय पर साउंड generate करेंगे तो क्या होगा।

बहुत बड़े लेवल पर वाइब्रेशन पैदा होगी जो ना केवल इंसानो को बल्कि एनवायरनमेंट को भी डिटॉक्स करेगी।

इस कारण कोरोना वायरस से मुक्ति मिले न मिले पबुलंदर भारत पर उसका बोझ जरूर हल्का होगा।

आप जानते ही होंगे कि वैज्ञानिक भी ये मानते है कि मंदिर में बजने वाली घन्टी, शंख, और अजान आवाज जो वाइब्रेशन पैदा करती है वो आसपास के जीवाणुओं से एनवायरनमेंट को डिटॉक्स करती है।

कुछ बातों का रखे ध्यान

.शाम 5 बजे से पहले ही तय कर ले कि आप क्या करने वाले है,मतलब थाली, ताली या घन्टी में से कोई एक चुन लें

.हो सके तो अपने आसपास रहने वालों को भी तैयार करे को पूरी सोसाइटी या मोहल्ला केवल एक जैसी ही चीज़ सेलेक्ट करे ताकि वाइब्रेशन same वेवलेंथ की हो। क्योंकि इसका असर ज्यादा होगा।

.अगर आप थाली बजाने का सोच रहे है तो स्टील की थाली पर स्टील की चम्मच या चमचे का प्रयोग ना करे, बल्कि लकड़ी की किसी चीज़ जैसे बेलन या spatula का प्रयोग करे।

कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में एकजुट हो जाए, और बीमारी को भारत देश से गायब कर दे।

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