शौकीन ........................

किताबों से नाता .....................................

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rashi sharma
rashi sharma 01 Dec, 2023 | 1 min read

किसी को किसी चीज़ की लत हैं,

कोई किसी और चीज़ का आदी हैं,

कोई खोज रहा है अपने दिवाने होने की वजह,

तो किसी को खुद में ही खो जाने की बिमारी हैं .......................................


ना ताकता हूँ मैं चांद - सितारे, ना ही समंदर को नाहरता हूँ,

मैं केदी हूँ किताबों का, जिसे मैं अपना मानता हूँ,

समय गुज़ार देती है वो मेरा और कर्म भी खराब नहीं होते,

वो कहानी सुनाती हैं मुझको तो कभी कविताओं से मेल कराती हैं,

बड़े हथकण्ड़े है उसके पास मुझे रोकने के, वो सभी को बारी - बारी आज़माती हैं ...................................


मेरा कमरा महकता है उसकी कागज़ की खूशबू से,

वो मुस्कुराता है मुझे देख - देख के,

कागज़ और कलम भी साथ - साथ रहते हैं,

मेरी ज़रूरत के हिसाब से सभी ढ़ल जाते हैं ...................................


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