अहंकार ही खता...................

अहंकार, गुरूर, घंमण्ड़ बहुत खराब है, इंसान समझता है ऐ ही उसके हथियार है, तबाह कर देते है ऐ जीते जी, मरने के बाद भी सज़ा सुनाते है.

Originally published in hi
❤️ 0
💬 0
👁 569
rashi sharma
rashi sharma 10 Dec, 2022 | 0 mins read

ऐ सवार हुआ तो सब कुछ नीचे उतर गया,

पागल से हो गए भीतर का वीराना भी ना दिखा,

कौन कहता है कि सिर्फ शराब में नशा होता है,

अहंकार भी एक नशा है जिसे हो गया,

फिर उसका कुछ भी ना बचा,


ज़मीन दिखाई नहीं देती,

आकाश में खुद के सिवा कोई और शय दिखाई नहीं देती,

आँखों में गुरूर छलकता है,

जुबान से इंसान काफिर हो जाता है,

रौंद देता है औरों की ख्वाहिशों को कदमों तले,

है वो नास्तिक पर खुद को भगवान समझता है,


राख हो जाएगा वो एक दिन,

फिर कहां अहंकार बच पाएगा,

उसी ने तो पहुँचाया है उसे उस जगह,

अंत में वो अहंकार ही उसे अलविदा कह जाएगा.


0 likes

Support rashi sharma

Please login to support the author.

Published By

rashi sharma

rashisharma

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.