इसके बाद............

आज और अभी है, ज़िन्दगी इसी में तो सिमटी है, जो भी हो बस खुश रहो, जिसने दी है उसे शुक्रिया कहो.

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rashi sharma
rashi sharma 21 Jul, 2022 | 1 min read

आज यहाँ कल वहाँ,

इसके बाद ना जाने कहाँ,

यूँ हीं चलता है आने - जाने का यह सिलसिला,


वक्त - बेवक्त ये ख़याल आता है,

वजह क्या है इस आवागमन की फर्क तो कुछ पड़ा नहीं,

ना जाने क्यों इसके बाद भी इंसान भंवर में धस्ता चला जाता है,


कौन जाने आगे क्या होगा ?

कुुछ दिखाई देगा या फिर अंधेरा ही होगा,

किसे पता अगला जन्म क्या मिलेगा,

ना मिला तो बेहतर मिल गया तो बदत्तर ही होगा,


खौफ ना कर दुनिया से जाने का,

भय तो होना चाहिए कुछ गलत हो जाने का,

अच्छा बनकर ना रहो, बस अच्छे बनो,

अव्वल ना भी हो, कम से कम न्यूनतम तो रहो,


बाद - बाद का सोच कर दिन गुज़र गए,

उमर बीत गई हम जाने को तैयार ना हो सके,

लो समय तो आ गया दहलीज़ पर दस्तक देने को,

इसके बाद भी हमने रख दिए इच्छानुमा पापड़ सुखाने को.


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