निशानी ..............

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rashi sharma
rashi sharma 17 Jan, 2024 | 0 mins read

नज़रे साफ रखता तो मुझे साफ करने की ज़रूरत ही ना होती,

बातें कहता ज़ुबान से तो तेरी आँखों को मेरी दरकार ना होती,

माना कि मुझे लगाना कोई बुरी बात नहीं,

मगर सोच के देख कहीं तेरे मुझसे जुड़ने में कहीं तू ही तो गुनहगार नही.

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