गहराई................

बातों में गहराई है, व्यकत्तिव में समाई है.

Originally published in hi
Reactions 0
236
rashi sharma
rashi sharma 22 Aug, 2022 | 1 min read

गहरी होती है खाई,

पानी में भी है गहराई,

कुछ लोग भी होते है गहरें,

चुप - चाप से खुद में शांति को ओढ़े,


बातें करते है वो गहरी,

अल्फाज़ों में भी कोई हद ना छोड़ी,

खामोशी में भी वो बातें करते है,

आँखों की गहराई से वो हर जज़्बात बयान करते है,


मलंग है वो जो गहराई तक पहुँच गया,

देखें बेहतरीन नज़ारें फिर भी कायल ना हुआ,

खुशी में भी संयम दिखाता है,

खुद के भीतर खुश होता है,

खुद में ही मौन हो जाता है.

0 likes

Published By

rashi sharma

rashisharma

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.