सब कुछ अलग था.................

सब कुछ अलग था.

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rashi sharma
rashi sharma 15 Dec, 2022 | 1 min read

वो मंज़र अलग था, वो पल भी अलग था,

हम भी अलग थे, तुम्हारा होना भी अलग था,

अब ना वो बात रही और ना उस बात में वो बात रही,

ना वज़न रहा तुम्हारी चुप्पी में, ना मेरे बोलने में वो ज़ात रही,


बात खत्म होने की नहीं है, असल वजह तो दूरी की है,

अब बात साथ की भी नहीं, मन ना लगने की है,

आदत ने आदत को ही बदल दिया है,

अब दोनों की ही मौजूदगी ने एक - दूसरे को महसूस करना बंद कर दिया है.

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