गलतफहमियां...................

नशा सिर्फ पीने में नहीं, जीने में भी है, चलो सच ना मानों, गलतफहमी का मज़ा शक में ही है.

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rashi sharma
rashi sharma 14 Dec, 2022 | 0 mins read

जानबूझकर अंजान बने रहना भी एक कला है,

जो बात सबको पता है उसे छुपाने का अलग मज़ा है,

कौन सा किसी को किसी और की बात से फर्क पड़ता है,

ऐ तो गुमान है इंसान का की कोई उसके पीछे पड़ा है,


सपना टूट जाता है फिर भी रोज़ाना देखते हैं,

अधूरी ख्वाहिशों को पकड़े रहते है,

पाल लेते है वहम की कभी ना कभी तो पूरा होगा,

इतनी लम्बी ज़िन्दगी जीने के लिए,

गलतफहमी का ही तो सहारा होगा.




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