हिंदी हूँ मैं

हिंदी हूँ मैं

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Radha Gupta Patwari 'Vrindavani'
Radha Gupta Patwari 'Vrindavani' 20 Feb, 2021 | 1 min read
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हाँ मैं हिंदी हूँ,

कई बोलियों में बिखरी हूँ,

भोजपुरी,अवधी,बृज,खड़ी,

मारवाड़ी,बुंदेली,पूरविया हूँ,

तुलसी के शब्द,मीरा के बोल 

और कबीर की गान हूँ,

निराला के शब्दों में,

मैथिली,जयशंकर का

पद्य-गद्य का रूप हूँ,

घायल हूँ,पर हारी नहीं हूँ

वह वीर योद्धा हूँ,

पूर्व से पश्चिम हो या 

उत्तर से दक्षिण,

मेरे ही हैं ये अधिकार क्षेत्र,

तुर्की आये,फारसी आये

डच आये और आये अंग्रेज,

डिग न सका मेरा अस्तित्व,

हिन्दुस्तान की में हिन्दी हूँ,

माथे पर सजी में बिंदी हूँ,

विशाल हृदय वाली बोली हूँ,

हिंदी में छलकता वह प्यार है,

दिलों को जोड़ती हूँ मैं!!

-राधा गुप्ता पटवारी

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