दिल किताब

मेरी जुबानी जज्बातों की कहानी

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Radha Gupta Patwari 'Vrindavani'
Radha Gupta Patwari 'Vrindavani' 28 Jan, 2021 | 1 min read
1000poems

दिल रूपी किताब पर

जज्बात की स्याही से

यादें बेहिसाब उकेर रही हूँ।

ये जज्बात भरें हैं अश्कों से,

हँसी से तो कहीं सने हैं

गुस्ताखी-नाराजगी से भरे।

दिल का हर पन्ना अपनी 

ही कहानी, अपनी ही

जुबानी कहता है सदा।

हो भी क्यों न जब दिन 

एक सा न रहा तो दिल

की किताब का पन्ना 

कैसे एक सा रह सकता है।

और कभी कभी तो यादें

सदा एक सी कहाँ रहतीं।

कभी मीठी यादें दिल को

सुकून देती हैं तो वहीं

कड़वी यादें खराबी स्याहीसे किताब के हर पन्ने को

खराब कर जाती हैं पर

फिर भी दिल,जज्बात और 

यादें एक साथ रहते हैं सदा।।


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Radha Gupta Patwari 'Vrindavani'

radhag764n

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