श्रद्धा से श्राद्ध

श्राद्ध पक्ष का सही अर्थ क्या है..इस कविता के माध्यम से व्यक्त किया गया है।

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Radha Gupta Patwari 'Vrindavani'
Radha Gupta Patwari 'Vrindavani' 03 Sep, 2020 | 1 min read
#poetryblast #forefather

पितृ सिर्फ़ भाव से ही संतुष्ट हो जाते हैं।

श्रद्धा न हो तो श्राद्ध बेकार हो जाते हैं।।


कुछ खाने नहीं बहुत कुछ देने आते हैं।

भोजन दान का महत्व समझाने आते हैं।।


मात्र अंजुली भर जल से तृप्त हो जाते हैं।

एक छोटी कुशा से पितृ समस्त तर जाते हैं।।


काक,श्वान,गाय,चींटी का महत्व बताते हैं।

प्रकृति प्रेम का सही अर्थ बताने आते हैं।।


बड़ों के प्रति सम्मान का आनंद पर्व है।

जिस घर पितृ सहर्ष वर दें वहीं स्वर्ग है।।


सिर्फ़ परंपरा का निर्वहन नहीं करना है।

मात-पिता,गुरुजन का आदर करना है।


वस्तु संग्रह कर कृपणता करना व्यर्थ है।।

प्राणीमात्र की सेवा करना ही जीव अर्थ है।।


प्रकृति,पितृ और जीव का मिलन ही अक्ष है।

पितृ आशीष रूप में आते यही श्राद्ध पक्ष है।।

धन्यवाद

राधा गुप्ता पटवारी

स्वरचित मौलिक व अप्रकाशित






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Radha Gupta Patwari 'Vrindavani'

radhag764n

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