जुगुनू

जुगनू हमें क्या सिखाता है।इस कविता के माध्यम से यही बताया गया है...!

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Radha Gupta Patwari 'Vrindavani'
Radha Gupta Patwari 'Vrindavani' 08 Oct, 2020 | 1 min read

घन-तिमिर में जगमगाते ये जुगुनू।

छोटे होकर भी सीख बड़ी सिखाते हैं।माना अंधेरा है विस्तृत और घना,

पर जुगुनू स्वयं रोशनी से भरा।

हे मानव! उठो और करो मन को दृढ़,न रहो उदास और अंधेरे से घिरे।

मात्र जीव होकर भी मैं आशाओं

और संभावनों को समेटे हूँ अनंत।

स्वयं रोशन हो जगमगा थोड़ा सा ही सही पर अपने आसपास

उजाला कर देता हूँ अनवरत।

आशाओं की रोशनी से जगमगाओ,

तुम भी अपने पथ को रोशन करो।

उठो!धरा के पुत्र..जागो-जागो

और पथ को प्रशस्त करो,जगमग करो।।

धन्यवाद

@राधा गुप्ता पटवारी 'वृन्दावनी'









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Radha Gupta Patwari 'Vrindavani'

radhag764n

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