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चित्रकूट धाम की यात्रा

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Radha Gupta Patwari 'Vrindavani'
Radha Gupta Patwari 'Vrindavani' 19 May, 2020 | 1 min read

"चित्रकूट के घाट पे भयी,सन्तन की भीड़।

तुलसीदास चंदन घिसत तिलक करत रघुवीर।।"

जे दोहो तुलसीदास ने चित्रकूट के घाट पे लिखो है।चित्रकूट को अपनो धार्मिक महत्व है।चित्रकूट उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के मध्य बसो है।जाको निकटम रेलवे स्टेशन कर्वी है।प्रभु श्री रामचंद्र जी ने अपने वनवास काल के चौदह साल मेंं ते गियारह साल यहां बिताये है।

दर्शनीय स्थल-

१-कामदगिरि-जे एक पर्वत श्रृंखला है।सब जना जा पर्वत की परिकम्मा लगावे हैं।जा पर्वत की परिकम्मा ५ कोस की है।जा पर्वत की तलहटी में कामतानाथ को प्रसिद्ध मंदिर है।लोग वाग यहां दूर दूर ते आवें।

2-रामघाट -रामघट ईयाँ के प्रसिद्ध घाटन में एक हैं।यह घाट मनदाकिनी नदी के तट पर बसौ है।शाम कूँँ यहां आरती हो।ईंया नौका विहार मी कर सके हैं।

3-जानकी कुंड-रामघाह ते जानकी कुण्ड २ किलोमीटर दूर है।कहवो जाए है मां जानकी यहां प्रतिदिन स्नान करौ कयत

4-हनुमान धारा-जे एक पहाड़ी पर स्थिति है।ऊपर पहाड़ी पर मन्दिर पर पहुँचवे के लिए 500 सीढ़ियाँ हैं।ऐसो क वो जाए करै कि लंका दहन करवे के बाद यहीं बैठ गए ।उनकी ताप कूँ शांत करवे कूँ रामचंद्र जी ने पहाड़ी मेंं एक तीर मारो और वहां एक झरनो फूट पड़यो और वा जल हनुमान जी के कंधा पे गिरे है।

आपकूँ जे लेख कैसो लगो बतइयों।धन्यवाद

राधा गुप्ता

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Radha Gupta Patwari 'Vrindavani'

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