ईश्वर तुल्य गुरु

महिमा गुरु की

Originally published in hi
❤️ 0
💬 0
👁 430
AnveshaRathi
AnveshaRathi 06 Sep, 2022 | 1 min read

जीवन में कुछ पाना हो,

कुछ अच्छा कर दिखाना हो।

मार्गदर्शन हो गुरु का, आत्मविश्वास से मैं भर जाऊं।ध्यान हो मेरा प्रकाश हो गुरु का, हर कोशिश कामयाब बन जाए ।चाहे रास्ते क्यों ना हो घने अंधेरे; वह रोशनी में बदल जाए।

वह एक ऐसा पद है कि समय बीत जाने पर भी हमारी स्मृतियों में बसा रहता है। बंद हो या खुली हो मेरी आंखें-2 वह आंखों से कभी ओझल ही नहीं होता है। आपका धैर्य मेरी प्रेरणा बनता है, आपके सिखाई हुए शब्द मेरा ज्ञान बनते हैं; और आपके दिए हुए संस्कार मेरे जीवन को परिभाषित करते हैं।

समय कम पड़ जाएगा जो मैं करने चलूं उनको धन्यवाद, शब्द कम पड़ जाएंगे मेरी इस कविता में उनके व्यक्तित्व का बखान करने में.... धन्यवाद

0 likes

Support AnveshaRathi

Please login to support the author.

Published By

AnveshaRathi

priyankarathi

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.