कौन कहता है

ज़िन्दगी ज़िन्दा दिली का नाम है

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Prem Bajaj
Prem Bajaj 06 Oct, 2020 | 1 min read

कौन कहता है कि गया वक्त लौट कर नहीं आता

, कौन कहता है सपने तो सपने होते हैं , सपने पूरे कहां होते हैं ,

कौन कहता है ज़िन्दगी आसान नहीं ।

ज़िन्दगी को मन की आंखों से देखो , बहुत खूबसूरत है ये ज़िन्दगी,

 हर सपने को जिओ मन से तो हर सपना पूरा करती है ये ज़िन्दगी ।

आता है वक्त फिर लोक कर गति अपनी दोहराता है जो बोया होता है इन्सान ने वही तो वो काट पाता है ।

एक बुढ़ा बच्चे संग बच्चा बन जाता है , कभी ठहरता है किसी महफ़िल में जवानों की तो कहानियां जवानी की दोहराता है ,

 यही है वक्त की , ग़र बोता है इन्सान बबूल तो आम नहीं बबूल ही उसके हाथ आता है ।

कभी देखो ज़िन्दगी को दिल से , उमंग भरी नज़रों से , आशा की किरणों से , आकांक्षा के नए सवेरे से ।

 ज़िन्दगी को चाव से जी कर देखो ज़िन्दगी आसान है ।

 देखा है मैंने आखिरी सांस लेते हुए लोगों को , तड़पते हुए तकलीफ़ो से लड़ते हुए ज़िन्दगी और मौत के दरम्यान ,

कैंसर की भयानक स्थिति में भी , अपनों को खोये हुए लाचारों को भी ।  

नहीं कोई शिकन उनके चेहरे पर , हंसकर कर रहे हैं हर मुसीबत का सामना हार जाती है मौत भी उनके सामने ,

सलाम करती है ज़िन्दगी भी उनको ।


सपनों में हकीकत भर के देखो शिद्दत से उन्हें पूरा करने की चाह तो करो ,

इच्छाओं के कैनवास पर तो एक बार उन्हें सजाओ , फिर उनमें शिद्दत से।

पूर्णता के रंग भरो , तुम्हारे सपनों की हंसती मुस्कुराती तस्वीर तुम्हारे हाथों में होगी ।

जी हां देखो उम्मीद की नज़रों से हर शय को हर शय में उम्मीद का सूरज नज़र आएगा ।

ज़िंदगी को एक बार दिल से जी के तो देखो 😊

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Prem Bajaj

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