सोचा ना था

सोचा ना था

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Prem Bajaj
Prem Bajaj 05 Oct, 2020 | 1 min read


कर के प्यार तुमसे यूँ तड़फेंगे सोचा ना था

मिलेगी सज़ा-ए-तन्हाई सोचा ना था ।


कहना तो चाहा मैंने तुमसे बहुत कुछ

पर ये जुबाँ छोड़ देगी साथ सोचा ना था ।


ये मेरी तन्हाई मेरा शौक़ नहीं ए दिलबर

ये सितम हम पे भी होगा सोचा ना था ।


चाँदनी बन कर बरसती रहती हैं यादें तेरी

तन्हाई में सुकुँ देंगी हमने सोचा ना था ।


माना कि कोई वास्ता नही तुम्हारा हमसे

तुम बिन कटेगा वक्त यूं तन्हा सोचा ना था ।


क्या कहूं जो हुआ करते थे जिंदगी हमारी

ज़िन्दगी से वो यूँ बिछड़ जाऐंगे सोचा ना था ।


कैसे कटेंगी ये तन्हा रातें तुम बिन ए जालिम

तनहाई की घड़ियां हो जाएंगी लम्बी सोचा ना था ।


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Prem Bajaj

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