आधुनिक सोच की आढ़ में भारतीय संस्कृति का अपमान

आधुनिकता की आढ़ में भारतीयता अपवित्र

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Prem Bajaj
Prem Bajaj 06 Oct, 2020 | 1 min read

हाई सोसायटी में आजकल एक प्रथा चल रही है पार्टनर चैंज की l पति-पत्नी साथ में बोरियत महसूस करते है और कुछ नया के चक्कर में अपने फ़्रेंड सर्कल में एक दूसरे के पार्टनर अदला बदली करके खुद को माॅर्डन साबित करने के लिए ये तरीके अपनाते है। सबसे ख़ास बात यह पति-पत्नि दोनों की रजामंदी से होता है l कहीं पर कोई एशो-आराम में पली , बला की खूबसूरत और शादी हो जाए एक साधारण लड़के से , या कोई गठीला , छबीला जवान और किसी साधारण सी लड़की से शादी हो ,  और जब वो बिस्तर पर एक - दूजे को संतुष्ट ना कर पाएं और किसी कारण से विवाह विच्छेद भी नहीं कर सकते तो आपसी रजामंदी से पार्टनर चेंज करते हैं ।

 कहीं - कहीं पार्टनर स्वैपिंग के लिए होटल बने हुए हैं और जो पार्टनर चेंज के पैसे लेते हैं, और पार्टनर भी एवलेबल कराते हैं ।



 ये एक अत्यंत ही गम्भीर विषय है , जिसमें पति-पत्नी की रजामंदी से ड्रा निकाला कर हस्बैंड - वाईफ़ स्वैपिंग का घिनौना खेल खेला जाता है , पति अपनी पत्नी को किसी और को सोंपता है और खुद किसी दुसरे की पत्नी संग हमबिस्तर होता है ।

कुछ लोग इस बात को हाई सोसायटी का नाम देते हैं, जो भारतीय संस्कृति में विकृति पैदा कर रहे हैं । आधुनिकता की आढ़ में निजी संबंधों को दांव पर लगा कर इज़्ज़त और आत्मसम्मान को गिरवी रख रहे हैं ।


 इस बात का कतई ये अर्थ नही कि ,आप अपनी पत्नी या पति को किसी दुसरे का हमबिस्तर बनाते हैं तो आप हाई सोसायटी वाले हैं , ये एक घटिया हरकत है , संस्कारों के खिलाफ़ , संस्कृति के विरुद्ध होगा । जिसे हमारी हिन्दू संस्कृति में मान्यता नहीं दी जा सकती ।

लेकिन हर कोई हाई सोसायटी से ताल्लुक नहीं रखता , कुछ मिडिल क्लास होते हैं तो कुछ उनसे छोटे तबके के लोग , दिहाड़ी मजदूर कहें या एक साधारण सी ज़िन्दगी जीने वाला एक आम इंसान , उन लोगों में भी कहीं ना कहीं दूसरी स्त्री या , दूसरे पुरूष के साथ हमबिस्तर होना या कहीं किसी का किसी के साथ ज़बरदस्ती करना या जिसे बलात्कार कहा जाता है ,और जहां कुछ लोग इस तरह से अपनी पिपासा बुझाते हैं और कुछ बाज़ार का रूख करते हैं , अर्थात स्त्री को खरीद कर जिसमें कीमत चुकाई जाती है , लेकिन अब एक नया ट्रेंड आ गया जिसमें कीमत नहीं चुकाई जाती वर्न बदले में अपनी स्त्री दी जाती है , अर्थात कहीं ना कहीं यह प्रथा हाई सोसाइटी से मिडल क्लास तक भी पहुंच रही है , कहीं  लिव इन के रूप में  तो कहीं स्वैपिंग पार्टनर के रूप में , इससे घिनौनी हरकत और क्या होगी , कि इन्सान भी जानवर सा व्यवहार करने लगा है ।हमारी भारतीय संस्कृति में इसे जघन्य अपराध माना जाता है , हिन्दू संस्कृति इस बात की इज़ाजत नहीं देती ।


मात्र तन की संतुष्टि के लिए , शारिरिक भूख मिटाने के लिए ,या जीवन में कुछ बदलाव लाना है , इसके लिए , पवित्र रिश्ते को दांव पर लगाना , उस रिश्ते संग एक घिनौना खेल खेलना , पवित्र अग्नि के गिर्द लिए सात फेरों को स्वाह कर देना कहां तक सही है । कोई इन्सान भला कैसे अपनी पत्नी या पति को दूसरे की बाहों में देख सकता है , ओर कैसे एक इन्सान किसी दुसरे का हमबिस्तर होने के अपने पति या पत्नी से हमबिस्तर हो सकता है । कुछ (जो एकदम से इस के तैयार नहीं होते उन्हें एक ही कमरे मे ही सेम रूम फोरप्ले करते हैं , ताकि  फक्कींग से पहले कम्फरटेबल हो सके ) तो यहां तक की त्रिगुणात्मक थ्री सम का खेल खेलते हैं , जब मदहोशी का आलम होता है तो पार्टनर चेंज करते हैं ।

क्या उसकी आत्मा ये ग़वारा कर सकती है कि कल रात जो पति या पत्नी किसी और की बांहों में थे आज हमारी बगल में है । इससे नीच और घटिया सोच और क्या होगी कि ‌कोई इंसान अपनी पत्नी या पति को किसी ग़ैर के साथ सोने के लिए खुद से भेजे । ऐसी कुरीती को खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम उठाना होगा । दूसरी विनाशक प्रवृतियों की तरह यह प्रवृति भी अपने पांव पसार रही है ।



दोस्तों सब के अपने -अपने विचार है , लेकिन मेरे विचार से सर्वप्रथम इस कुरिति को रोकने के लिए कानून की भी आवश्यकता है , और मिलकर एक जिहाद छेड़ी जाए , एक जंग का ऐलान हो , तभी हम अपनी संस्कृति को बचा सकते हैं ,

अन्यथा ये आधुनिकता हमारी संस्कृति को नष्ट और अपवित्र कर के रहेगी ।

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Prem Bajaj

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