खान सर

कन्ट्रोवर्सी के घेरे में खान सर

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prem bajaj
prem bajaj 28 May, 2021 | 1 min read

खान सर


शिक्षा की जड़ें कड़वी अवश्य होती है, मगर फल मीठा होता है।

शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है, जिसे आप दुनिया बदलने में उपयोग कर सकते हैं।

#खान सर एक जाना-पहचाना नाम जिनका खान जी रिसर्च सेंटर यूं-ट्यूब चैनल, जिसके लाखों ग्राहक अर्थात सबस्क्राइबर हैं, आंच उनके नाम पर कन्ट्रोवर्सी हो रही है, कोई कहता है कि वो हिन्दू है अमित सिंह नाम है, कोई कहता है मुस्लिम है खान सर।

खान सर राखी, दिवाली, ईद सभी त्योहार मिल कर मनाते हैं, खान सर की अनेकों पुस्तकें खान सर के नाम से पब्लिश हुई है जिनमें कुछ उर्दू में भी हैं।

लेकिन सवाल इस बात पर है कि मुस्लिम होते हुए उन्होंने मुसलमान लोगों के लिए गलत कहा। आज का समय है कि हर इन्सान चाहता है कि लाठी मैं अपने हाथ में रखूं, ताकि भैंस मेरी बन जाए, चाहे वो ग़लत हुआ क्यों ना हो, हर इंसान को लालच खा गया है और इसी लालच के चलते अपने चैनल की पब्लिसिटी के लिए खान के नाम से यू. पी.आई. बना कर विडियो को काट-काटकर पेश करते हैं, जब हम किसी की पूरी बात नहीं सुनते तो उस पर हमेशा दो राय बन जाती है,अगर खान सर ने कुछ ग़लत कहा है तो तभी बवाल होना चाहिए था ना कि एक महीने बाद, 24 अप्रेल को कहीं गई बात 24 भी को क्यों उठाई गई।

और खान सर ने कुछ ग़लत नहीं कहा जब किसी भी रैली का हिस्सा इतने लोग बनते हैं तो 80% लोगों को यह भी नहीं पता होता कि रैली का मकसद क्या है। और वही बात पाकिस्तान में फ्रांस के राजदूत को वहां से निकालने के लिए तहरीके लबैक पार्टी ने बच्चों को भी शामिल किया गया, ज़रा पूछिए उन बच्चों से कि क्या राजदूत शब्द का अर्थ मालूम है, खान सर कुछ ग़लत नहीं कहा कि ये बच्चे पढ़ें ना कि ऐसी रैलियों का हिस्सा बनें, और तहरीके लबैक पार्टी के बारे में कहा कि 18-19पैदा हो गए अर्थात ये छोटी सी पार्टी सबकी नज़रों में आना चाहती है महज इसलिए कोई ना कोई कांड करना है, तो राजदूत कांड कर दिया। खान सर का कहने का अर्थ कि मुस्लिम लोगों में पढ़ाई और व्यवसाय की कमी होने के कारण वो छोटे-छोटे व्यवसाय (मीट शाप जैसे)करते हैं, हिन्दुओं में शिक्षा जागरूकता अधिक है। खान सर ने कहा कि उस पाकिस्तान और चीन की क्या इज्ज़त करूं जिसके आंतकवादी अजमल कसाब ने 1999 में I C. 814 विज्ञान हाईजैक किया और 6 दिन तक मासूमों को भूखे-प्यासे कैद रखा, इज़्ज़त करनी है तो अब्दुल कलाम की की जाए, और चीन जो father of corona है, कश्मीर जो हमारा मस्तक है एक तरफ पाकिस्तान ने pok, और एक तरफ चीन ने कब्ज़ा किया है, जिन्होंने मेरी भारत माता का आंचल उछाला, उनकी इज्जत कैसे कर सकता हूं, मैं हिन्दू, मुसलमान से पहले भारतीय हूं, और भारतीय ही रहना चाहिए हम सभी को। खान सर अनगिनत स्टुडेंट्स को निशुल्क शिक्षा देते हैं, कितने ही अनाथों का पेट भरते हैं,आज वही स्टुडेंट्स, वही अनाथ बच्चे फोन करके उन्हें कह रहे हैं कि सर हमें मत छोड़ देना।

खान के शब्दों में, " कांट्रोवर्सी कर रहे हो, ट्वीट कर रहे हो मेरे नाम को लेकर, मेरी अधूरी बात सुनकर, काश तब कोई ट्वीट होता जब हम गुलाम थे, लाखों शहीद हुए तब हमें आज़ादी मिली, क्या कोई भी जानता है उन शहीदों के नाम, कोई ट्वीट तब होती जब छत्तीसगढ़ में हमारे जवानों को घेर कर मारा गया, कोई ट्वीट तब होती जब पाकिस्तान के कुत्तों ने हमारे शेर अभिनन्दन को घेर लिया था, कोई ट्वीट एजुकेशन के लिए होती"

उनका मानना है कि अनपढ़ता अभिशाप है, अनपढ़ हुकुमरान भी अलग-अलग राय देते हैं, जैसे कोई कहेगा फातिया गलत है तो कोई कहेगा फातिया सही है, तो किसकी बात मानेंगे, अगर आप खुद समझदार है तो आपको कोई बहका नहीं सकता।

खान सर किसी की बुराई नहीं कर रहे केवल समझा रहे हैं, लेकिन आज वो टूट चुके हैं।

खान सर के शब्दों में, "इतना बड़ा परिवार है अजीब भी लग रहा है, मगर आप कहेंगे तो हम यूं-ट्यूब छोड़ देंगे, आप ही कमेंट करके बाताइये, क्या सही, क्या ग़लत"

तुम सर हो जो अपने, दुनियां को दिखा देंगे,

हम मौत को भी जीने का अंदाज़ सिखा देंगे।



प्रेम बजाज

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