होली के रंग

रंगों की बहार

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prem bajaj
prem bajaj 24 Mar, 2022 | 1 min read

होली के रंग




होली के रंगों की बहार आई, रंग- बिरंगी घटा छाई,

सफेद रंग ने शांति फैलाई, भक्त प्रह्लाद की याद दिलाई,


देश के झण्डे में सजदा है ये रंग, शीतलता का भी सूचक है ये सफेद रंग, 

हरा रंग भी शीतलता का आभास दिलाए, पीला रंग गर्मी फैलाए, 

बैंगनी थकान की परिभाषा बताएं।


गुलाबी और लाल रंग हर स्त्री के मन को भाए, लाल रंग से सुहागिन से जाए। गुलाबी पुजा-पाठ की याद दिलाए।


भूरा गर्म के संग मानसिक स्थायित्व बैठाए, काला रंग जब मुंह पर लग जाए, फिर ना ये किसी को भाए।


हरा, पीला, लाल, नीला सब रंग में इन्द्रधनुष से आए, प्राकृतिक स्त्रोत इनका सूरज कहलाए।


रंगों की इस बोछार में सब रंगे जाए, एक जैसे फिर सब नज़र आए, 

एक दिन पहले जब होलिका जलाए, इर्ष्या, द्वेष, जलन और नाकारात्मक सोच भी हम संग में जलाएं, 


गुझिया, बर्फी लड्डू संग भांग का भी घोटा लगाए, मस्ती में भांग की सब एक रंग में रंगे जाएं।

छोड़ के अपने-पराए का भेद, एक ही रंग में रंग जाओ सब, होली से सीखो जीने का ढंग।



प्रेम बजाज ©®

जगाधरी ( यमुनानगर)

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