पढेगा इडिंया तभी तो बढेगा इंडिया

एक पहल ऐसी भी

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Pragati gupta
Pragati gupta 18 Aug, 2020 | 1 min read

टीचर दीदी ।।

आज फिर हिना स्कूल नहीं आई । हिना को लगभग 6 दिन हो गए थे तब से लगातार वो स्कूल नहीं आ रही थी और आज फिर से हिना स्कूल में उपस्थित हुई तो उसकी क्लास की टीचर नंदिनी गहरी सोच में डूब गई । उसे फ्रिक इस बात की हो रहीं थी कि हिना स्कूल क्यों नहीं आ रही हैं । स्कूल में जब सारे बच्चे उपस्थित हो गए तो उन सब की क्लास टीचर नंदिनी सब की ओर देख कर बोली -" तुम लोगों में से किसी को पता है क्या हिना स्कूल क्यों नहीं आ रही है ?" नंदनी के इस सवाल के बाद क्लास में गहरा सन्नाटा पसर गया । किसी के मुंह से आवाज़ तक नहीं निकली । ऐसा नहीं था कि क्लास के बच्चे नहीं जानते थे कि हिना कहां और किस हाल में हैं ? पर कोई भी अपने मुंह से कहना नहीं चाहता था । जब किसी ने भी अपना मुंह नहीं खोला तो नंदिनी एक बार फिर उन सारे बच्चों की ओर देख कर बोली -" जो भी मुझे इस सवाल का जवाब देगा मैं उसे अपनी तरफ से एक चॉकलेट दूंगी ?" नंदिनी के इतना कहने के बाद भी किसी ने अपना मुंह नहीं खोला । सारे बच्चे बस दूसरों का चेहरा झांक रहे थे । सब यही सोच रहे थे मन में कोई तो इस सवाल का जवाब दे दे पर हिम्मत कोई नहीं कर रहा था । हां एक लड़की रागिनी बेंच पर कोनेन पर बैठी हुई थी और कुछ बोलने की कोशिश कर रही थी । पर उसके चेहरे का डर अलग ही सब सब बता रहा था कि वह कुछ भी बोलने से झिझक रही है । नंदिनी ने रागिनी को इस हाल में देखा तो वो रागिनी की बेंच के पास जाकर खड़ी होकर और अपने दोनों हाथ फोल्ड कर कर रागिनी की ओर देख कर बोली -" तुम्हें पता है कि हिना स्कूल क्यों नहीं आ रही है ?" जब नंदिनी ने ये बात रागिनी के पास आकर कहीं तो वह रागिनी अपनी जगह से उठकर नंदनी को देखकर बोला -" टीचर दीदी , टीचर दीदी " ।

" हां बताओ ना तुम जानती हो क्या हिना स्कूल क्यों नहीं आ रही है ?"

" जी दीदी , मैं उसके घर के बाजू वाले घर में ही रहती हूं । हिना का ब्याह हो रहा है उसके मां - बापू उसकी शादी कर रहे हैं । रागिनी इतना बोल कर अपनी जगह पर वापिस बैठ गई । पर नंदिनी का ये सारी बात सुनकर एक अजीब रिएक्शन था । मात्र एक 13 साल की लड़की का ब्याह ? कक्षा आठ में पढ़ने वाली लड़की हिना जो कि अभी मात्र 13 साल की थी । उसका ब्याह हो रहा था । ये बात नंदिनी को थोड़ा अजीब लगीं । पूरी टाइम स्कूल मे वो ये सारी बातें सोचती रही । पर जब स्कूल की क्लास खत्म हुई तो वह कक्षा आठ में जाकर रागिनी को टोंकते हुए बोली -"  रागनी तुम मुझे हिना के घर तक ले जाओगी क्या ?"

" जी टीचर दीदी " । बिल्कुल रागिनी ने जवाब दिया तो नंदिनी रागिनी के साथ हिना के घर पहुंची । हिना का घर पूरी सजा सजा हुआ था । जो साफ-साफ बता रहा था कि इस घर में आज ब्याह हैं । नंदनी को हिना की मां - बापू के अलावा कोई नहीं जानता था । नंदिनी जैसे ही हिना के घर कज दरवाजे पर पहुंची तो लोग उसे एक अजीब सी नजर से घूरने लगे । पर नंदिनी ने सबकी नजर को इग्नोर किया और फिर सीधा तनतनाती हुई हिना के घर के अंदर पहुंची । हिना की मां उर्वशी अंदर मौजूद थी । हिना की मम्मी ने जब नंदिनी को देखा तो एकदम चौंक कर बोली -" टीचर दीदी आप ?"

" जी मैं यहाँ आपसे बात करने आई हूँ " । नंदिनी ने जवाब दिया ।

" जी बताइए " ।

" मैंने सुना है कि आप हिना की शादी करने जा रहे हो ?" नंदिनी ने जैसे ही हिना कि माँ से ये सवाल किया तो उन्होंने अपनी नझर झुका ली जैसे उनके पास इस सवाल का कोई जवाब ही ना हो । नंदिनी फिर एक बार हिना की माँ को घूरते हुए बोली -" जवाब नहीं दिया आपने आप हिना की शादी करने जा रही हैं ?"

" हां हम हिना का ब्याह करने जा रहे हैं ?"

हिना की मम्मी ने खड़ी आवाज में जवाब दिया ।

" मात्र 13 साल की लड़की का ब्याह करना क्या आपको शोभा देता है । अरे जिस लड़की के अभी पढ़ने लिखने के दिन है उसकी आप शादी कर रही हैं । उसके ऊपर आप घर गृहस्थी की जिम्मेदारी लाद रहे हैं । आपको पता है ना बाल विवाह करना है एक जुल्म हैं । इसके लिए आपको सजा भी मिल सकती हैं ?"

" पर इसमें गलत क्या है हमें हमारी छोरी का ब्याह करना है तो हम कर रहे हैं " । पीछे से हिना के पापा अंबर नंदनी के पास आते हो बोले ।

" आप की कितनी बेटियां हैं ?" नंदिनी ने उनसे सवाल किया ।

" दो " । हिना के पापा ने जवाब दिया ।

" फिर भी आप उनकी शादी इतनी कम उम्र में करने जा रहे हो आपको तो अपनी बेटियों को पढ़ाना चाहिए , अरे हिना तो हर बार क्लास में टॉप करती है कितने अच्छे नंबरों से पास होती है वह । अगर उसे पढ़ने का और आगे बढ़ने का मौका दिया जाए तो वह अपनी जिंदगी में बहुत कुछ कर सकती है । बहुत आगे तक जा सकती है पर अगर आज आप उसके सारे सपने मारकर उसके हाथ पीले कर देंगे और उसके कंधों पर गृहस्थ जीवन की जिम्मेदारियां लाद देंगे तो वह क्या करेगी ? अभी से शादी करना सही है शादी के लिए तो उम्र पड़ी है ना आराम से आप 9 साल बाद उसकी शादी कर देना अभी तो उसे पढ़ने दीजिए " ।

" देखिए नंदिनी जी आप हमारी बात नहीं समझ रहे हो हम हमारी बेटी का ब्याह करना चाहते तो चाहते हैं आप हमे ये करने से नहीं रोक सकतीं " । हिना के पापा अंबर ने कडी आवाज़ में कहा ।

" देखें अंबर जी , अभी तक मैं आपसे तमीज में बात कर रही थी अगर आप अपनी जिद पर अड़े रहे तो मुझे मजबूरन पुलिस को बुलाना होगा आप जानते हैं बाल विवाह करना कानूनी अपराध है अगर आप अपनी बेटी का बाल विवाह करेंगे तो फिर मैं पुलिस को बुला लूंगी उसके बाद क्या होगा आप भी जानते हो । आप मेरी बात नहीं समझ रहे हैं । इतनी सी उम्र मे बेटियों का ब्याह नहीं किया जाता है पढ़ाया लिखाया जाता है उनके सपनों को पूरा किया जाता है । आजकल बेटे और बेटियों में कोई फर्क नहीं है बेटियां तो बेटों से आगे तक जा रही हैं । फिर भी आप उसे मौका नहीं देंगे तो आपकी बेटी क्या कर पाएगी अपनी बेटी को देखिए एक बार जाकर उससे पूछिए और उसकी उम्र को देखकर खुद सोचिए क्या आपकी बेटी इतनी बड़ी जिम्मेदारी लादने के लिए तैयार है । क्या वो ये सारी जिम्मेदारी निभाने के लिए सक्षम हैं ? अगर आपको लगे कि हां आपकी बेटी ये सारी जिम्मेदारी निभाने के लिए सक्षम हैं तो फिर आप उसकी शादी कर दीजिए मैं आपको रोकूंगी नहीं " । नंदिनी ने अंबर से कहा । अंबर को अब तक अपनी गलती का एहसास हो गया था । फिर भी वह अपनी बेटी के पास जाते एक बार उसे प्यार से देखने लगा । दुल्हन के लिबास में सजी उसकी 13 साल की मासूम बेटी बिल्कुल बचकानी हरकतें कर रही थी । जैसे ही अंबर उसके पास गया तो वह हाल अपनज बापू के पास आकर बोली -" बापू ,  बापू आप मेरी शादी कर रहें है अब मैं आपसे दूर हो जाऊंगी अब मैं पढ़ भी नहीं पाऊंगी ।  मैं हर बार कितने अच्छे नंबर लाती हूं आप बोलो ना उन लोंगों से कि मुझे पढ़ने दे मैंने सुना है कि जिसके साथ आप मेरी शादी कर रहे हैं वह भी तो पढ़ रहा है वह तो मुझसे कितना बड़ा है । फिर भी आप मेरी शादी कर रहे हैं " । अपनी बेटी हिना के मुंह से ये सारे सवाल सुनकर अंबर की आंखें भींग गई । उसे अपनी गलती का एहसास हो गया था कि वो जो कर रहा है वह बहुत गलत है । हिना को वह अपने साथ ले जाकर बाहर पहुंचा और नंदिनी को देखकर बोला -" मुझे माफ कर दीजिए , आपने मुझे सच्चाई से रूबारू करा दिया वरना पता नहीं आज मेरे हाथों कितना बड़ा पाप हो जाता शुक्रिया " । कहकर अंबर ने अपनी बेटी हिना को गले से लगाया और जोर से चिल्लाकर बोला -" बंद करो ये नाच गाना , बंद.करो ये सजावट अब मेरी बेटी का ब्याह नहीं होगा मेरी बेटी पड़ेगी और आगे बढ़ेगी । कल मेरी बेटी एक नई पहचान के साथ खिलेंगी । हिना की मम्मी उर्वशी साइड में खड़ी अपनी भीगीं पलकों से नंदनी को देख रहीं थी । मानों आंखों ही आंखों में उनका धन्यवाद कह रही हो । मनंदिनी भी अपना बैग उठाकर मुस्कुराते हुए वहां से चली गई । नंदिनी के चेहरे पर एक गहरी मुस्कान थीं । जैसे उसने कोई बहुत अच्छा काम दिखाया हो ।


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