एक नई सीख

दहेज प्रथा के खिलाफ एक नई फहल

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Pragati gupta
Pragati gupta 05 Jun, 2020 | 1 min read
#girls

" सुनो जी , लड़की वालों के घर से फोन आया था । पूंछ रहे थे कि रिश्ता पक्का समझें " । मिसिस अंजू अपने पति सुरेश से बोली 

" हां , बोल दों , पक्का ही समझों बस दहेज के लेन देन की बात हो जाएं । मैं सोच रहा था कि कार भी मांग ले । अब इकलौती बेटी हैं उनकी ,उसे नहीं देंगे तो किसे देंगे ? कार तो वो दे ही सकते हैं और फिर हमारा रवि भी तो अच्छा खासा कमाता हैं सरकारी नौकरी मे जो है " । सुरेश ने अपनी पत्नी अंजू से कहा ।

" हां जी , ठीक कह रहे हैं आप " । ये सुनकर सुरेश जी अपने नौकर को आवाज़ लगाते हुए कहते हैं -" रामू ,एक गिलास पानी ला " ।

" जी साहब " रामू पानी लेकर आता है ।

" साहब , आज रात कहीं कोई काम हो तो ऑवर ड्यूटी लगवा दों " । रामू ने गिड़गिड़ाते हुए सुरेश से कहा ।

" रामू , तू पूरे आठ दिनों से ऑवर टाइम कर रहा है कही न कहीं । एक , दो दिन  आराम कर लें नहीं तो बीमार हो जांएगा " । 

" नहीं साहब , हम बेटियों के बाप के भाग्य मे कहाँ आराम होता है । बेटी का रिश्ता तय हो गया है एक अच्छे घर में पर वो मोटर साइकिल मांग रहे हैं और हम मोटर साइकिल  नहीं देंगे तो वो रिश्ता तोड़ देंगे । आप ही बताओं कैसे आराम कर लूं । बेटी की खुशियों के लिए नींद तो हराम करनी ही पडेगी । कृपया कर आप ड्यूटी लगवा दीजिए " । रामू ने गिड़गिडाते हुए कहा तो ये सुनकर सुरेश जी चकित हो गए और सोचने लगे कि इस गरीब के पास न कुछ होते हुए भी ये अपनी बेटी के दहेज के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर रहा है और एक मैं हूँ जो सबकुछ होते हुए भी दहेज की भीख मांग रहा हूँ । ये सोचकर सुरेश जी ने अपने बेटे के ब्याह मे दहेज ना लेने का निश्चय किया । 

अगर हर लडके का बाप ये समझ पाएं कि एक बेटी के मां बाप दहेज का पैसा कैसे इकट्ठा करते हैं तो वो हमेशा के लिए दहेज लेना बंद कर देंगे ।

धन्यवाद


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