कुछ तस्वीरें जो देश की देखी
आखें नम हुई उम्मीदें टूटी
क्या हालत देश की हो गई
बहुत कुछ बदला बहुत कुछ बिगड़ा
कहीं कोई आज भरपेट सोया
तो कहीं कोई एक रोटी के लिए रोया
कितना विकास हुआ देश का
समझ गए देखते हाल उस वेश का
सड़कें सुधरी फिर भी दुर्घटना न कम हुई
शिक्षा बदली फिर भी देश की हालात न सुधरी
हास्पिटल बन गए शहरों मे गावों मे न मरम्मत हुई
इमान बिकते गली- गली मोहल्लों मे धन की बारिश हुई।
कितना सुधरा देश ये. तो हम जान गये
इंतजार हैं अब इस देश की नई. सुविधाओं का
सरकार बदलेगी फिर नये नये सपने दिखायेंगी
हमसे हमारा धन लूटकर फिर नयी नयी स्कीम चलायेंगी
महान बनेगी दुनिया की नजरों मे और गरीबों का मजाक बनायेंगी।
सरकार बदलने से ये देश नहीं बदलेगा सोच बदलने से देश
कुछ तस्वीरें देश की
देश के लिए कुछ शब्द
Originally published in hi

Pragati gupta
25 Dec, 2019 | 1 min read

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