काश कोई लौटा दे हमें वो बचपन

काश वो बचपन लौट आयर

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Poonam chourey upadhyay
Poonam chourey upadhyay 27 Nov, 2020 | 0 mins read
Children Memories Old Childhood

अब पहले जैसा कुछ नहीं है,

क्योंकि पहले जैसा वो बचपन नहीं है।

दादी,नानी कि वो कहानियां नहीं है,

महँगे खिलौने हैं,खेलने वाले दोस्त नहीं है।

आलीशान बंगले हैं पर उसमें रहने वाले लोग नहीं है,

बड़ी गाड़ियों में बैठकर भी,साइकिल वाली बात नहीं है।

कहने को तो दोस्त बहुत है,

मदद के लिए आता अब कोई नहीं है।

स्वार्थी हो गए सब रिश्ते भी,

क्योंकि रिश्तों में वो अपनापन नहीं है,

त्यौहार तो आज भी मनाते है हम,

खाने में देसी घी वाली बात नहीं है।

भाई, बहन तो बहुत हैं मगर,

पर रिश्तों में वो मिठास नहीं है।

@पूनम चौरे उपाध्याय

मौलिक, स्वरचित



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