"ये गुनाह नहीं करना है"

बाल विवाह बहुत बड़ा गुनाह है।

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Poonam chourey upadhyay
Poonam chourey upadhyay 08 Feb, 2021 | 1 min read
#1000poems #hindipoetry

बाबा जब मैंने जन्म लिया तो बेटी कहकर ठुकराया था,  दहेज देने की चिंता में मुझे गोद भी नहीं उठाया था।

 थोड़ी सी बड़ी हुई क्या, चूल्हा चौकी तक करवाया था, बेटियां तो पराई होती है कहकर,मुझे स्कूल भी नहीं भिजवाया था। 

रोती थी मैं भी बहुत ,कि बाबा मुझे किताब दिला दो, मैं भी पढ़ना चाहती हूं,

अपने कुछ अरमानों के साथ मैं भी जीना चाहती हूं। 


बेटी हूं मैं, बोझ नही कोई,सपने मेरे भी बहुत बड़े बड़े,

कष्ट होता है जानकर कि बाबा आप भी तो पढ़े लिखे, 


इन नन्हे से हाथों में तुम ,मत दो इतनी जिम्मेदारियों को,

 मैं कली हूं तुम्हारी बगिया की ,सींच लो फुलवारियों को, 


याद है मुझे सब बातें, मेरी माँ को बहुत सताया था, 

बेटी पैदा हो गयी कहकर,गले नहीं लगाया था। 


समझो एक बेटी की कीमत,मुझेको भी तुम पढ़ा दो, बड़ी सी नौकरी लगाकर समाज को तुम दिखा दो, 


क्यों सोचते है लोग,कि बेटी का बाल विवाह ज़रुरी है, 

ये क्यों नहीं सोच पाते कि ऐसी भी क्या मजबूरी है, 


इतनी छोटी सी बच्ची पर भी बाबा तुम्हे रहम ना आया था, मत करो मेरा बाल-विवाह,मैंने रो रोकर तुम्हे समझाया था। 


अब भी वक़्त है,प्रण लो,कि बाल विवाह नहीं करना है, गुनाह होता है ये बहुत बड़ा, हमें ये गुनाह नहीं करना है। 


@पूनमचौरेउपाध्याय

मौलिक, स्वरचित


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