"वक़्त वक़्त की बात है"

वक़्त की कीमत

Originally published in hi
Reactions 1
477
Poonam chourey upadhyay
Poonam chourey upadhyay 24 Sep, 2020 | 1 min read
Important Time Marriage Parents

किसी का थोड़ा सा वक़्त, कितना मायने रखता है ना, 

ग़मो की पोटली को, खुशियों की झोली से भर देता है ना।


पराये होकर,आज अपना घर कितना आता हैं ना,

सच्चे रिश्ते क्या होते हैं,बड़े होकर हम समझ पाते है ना,


अगर मैं बात करूँ मुझसे जुड़े रिश्तों की,

जिंदगी के हर पड़ाव पर जिन्होंने मेरी मदद की,


पिता का थोड़ा सा,वक़्त कितना हौसला बढ़ा जाता था ना,

माँ के साथ बिताया हरपल,अब कितना याद आता है ना,


भाई के साथ की गई बातें ,कितना कुछ सीखा जाती थी ना,

हर एक चीज़ पर की गई ज़िद, कितने अर्थ समझा जाती थी ना,


जो बोलते थे मुझे कि कितना बोलती है,

थोड़ी सी देर, चुप भी हो जा ना,


आज वही घर देखो,कितना सुना सुना नज़र आता है ना,

घर का हर कोना कोना कितना भावुक कर देता है ना,


घर जाकर हमारी पुरानी यादें, कितना रुला देती है ना,

ये तो सच है,

सबके साथ बिताया थोड़ा सा वक़्त भी कितना मायने रखता है ना।



@पूनम चौरे उपाध्याय

मौलिक,स्वरचित, अप्रकाशित


1 likes

Published By

Poonam chourey upadhyay

poonamchoureyupadhyay

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.