सखी तुम हाथ बढ़ाना

महिलाओं को एक दूसरे के साथ हमेशा खड़े रहना चाहिए।

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Poonam chourey upadhyay
Poonam chourey upadhyay 31 Jan, 2021 | 1 min read
#1000poems #hindipoetry

मेरे मन के दीपक से ,एक दीया तुम भी जलाना,

सखी तुम हाथ बढ़ाना।


महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को,

हमें साथ मिलकर है मिटाना,

पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर,

बस यूँही आगे बढ़ते चले जाना,


ढेर सारे अरमानों को अब,हमें साथ मिलकर है निभाना,

सखी तुम हाथ बढ़ाना।


हमारे जैसी बहुत सी महिलाओं को,

साथ मिलकर है सशक्त बनाना,

नारी को अबला कहने वालों को,

है अब अपनी ताकत दिखाना,


नारी को कमज़ोर ना समझो तुम,उनको मिलकर ये पाठ है पढ़ाना,

सखी तुम हाथ बढ़ाना।


अपने जीवन के कुछ क्षणों को,

 तुम अपने लिए ही बिताना,

सबकी सेवा के खातिर,

नारी तुम ख़ुदको ना भूल जाना,


कौन क्या कहता है तुमको,अब तुम इस बात से ना घबराना,

सखी तुम हाथ बढ़ाना।


बचपन से बड़े तक सुना तो होगा तुमने भी,

एक लड़की हो तुम,यहाँ ना जाना, वहाँ ना जाना,

ससुराल जाकर बिटिया तुम अपने,

सारे संस्कार और कर्तव्य निभाना,


पर वहाँ जाकर बिटिया तुम,अपनी खुशियों को भूल ना जाना,

सखी तुम हाथ बढ़ाना।


ख़ुदको एक नारी समझकर,अब तुम डर ना जाना,

रिश्ते निभाने में तुम अपनी सहनशीलता भी दिखाना,

अपने हक़ की लड़ाई के लिए,

तुम कभी अपने पथ से ना डगमगाना,

सखी तुम हाथ बढ़ाना,

 

पुरुषों की बराबरी करके,अब तुम्हे दुनिया को भी दिखाना,

जीवन के हर क्षेत्र में नारी तुम, अपना परचम भी फैराना,

ज़रूरत पड़ने पर तुम, चाहे माँ चंडी तक बन जाना,

सखी तुम हाथ बढ़ाना।

@पूनम चौरे उपाध्याय

मौलिक,स्वरचित















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Poonam chourey upadhyay

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