Ambassador Kavi Sandeep dwivedi

We are proud and honoured to have Kavi Sandeep Dwived, a penchant poet and inspiration to millions, as a brand ambassador of Paperwiff

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Paperwiff Editorial
Paperwiff Editorial 02 Jan, 2020 | 1 min read

बस तू ही है इस दुनिया में

तुझ सा है कोई और कहाँ

ग़र हो न भरोसा बात में तो

तो तू भी यहाँ और मैं भी यहाँ

तेरे हुंकार में वो दम है

सारी दुनिया भी थम जाए

ख़ुद पर हो विश्वास अगर

एक पल क्या..वक्त बदल जाए..

जीवन में सजे हैं कुछ सपनें

हर हाल में पूरे करने हैं

सूरज के नीचे हैं मोती

वो रखने हैं तो रखने हैं

घेरा हो हज़ारों मुश्किल का

मेहनत के आगे झुकने हैं

सूरज पर छाये बादल भी

एक न एक दिन तो छटनें है

क्या हुआ नही या हो न सका

ऐसा कुछ ढूढ़ के तो लाए

ख़ुद पर हो विश्वास अगर

एक पल क्या..वक्त बदल जाए

सबकुछ तो करना आसां है

रोके क्यों कोई आज भला

झोंके में छिपा है एक तूफ़ान

वैसे ही हम में जोश भरा

हो वक्त का पहरा मुझ पर क्यों

हम वक्त से आगे रहते हैं

धरती पर यूँ तो चलते हैं

पर आसमान में रहते हैं..

कहते हैं सबकुछ किस्मत है

तू ख़ुद ही फ़रिश्ता बन जाए

ख़ुद पर हो विश्वास अगर

एक पल क्या..वक्त बदल जाए

-Kavi Sandeep Dwivedi

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