बचपन की यादें

एक बच्चा,, अपनी दादी ,बाबा को याद करते हुए....,?????

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Neha Srivastava
Neha Srivastava 28 Oct, 2020 | 0 mins read
Nehadeep??

हो दादी, बाबा थोड़ी दूर जरूर ..... पर दिल मे रहते हो करीब बड़े....

याद जो दादी तेरी आती है....

बिन मौसम गुझिया,फरे,पनेबरे बन जात थे....

तेरे हाथों के अचार ,आमपापड़, याद आती हैं...

खुशी हो या हो गम हर पल याद आते हैं...

कोई भी चीज जो मैं कहता ...

झटपट यूही बन जाती थे ...

पेड़ों की डाली पर,, बिन सावन झूले पड़ जाते थे

जब भी मन करें ...आटों की गोलियों से

चिड़िया बना उड़ाते थे ...

दादी तेरी कहानी ,,जैसे ही याद आती है ...

मन में खुशियों की फुलझड़ियां खिल जाती हैं....

बाबा.... मुझे वो पकड़कर, सिर पर सरसो का तेल लगाते और ढ़ेर सारे व्यायाम भी करवाते....

एक बार जो आंखों से आंसू आ जाये ...

पूरा घर सिर पर उठाना,, लाजमी हो जाता था.....

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