कविता..

प्यार ही जीवन है... इसके बिना कुछ भी नहीं....??

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Neha Srivastava
Neha Srivastava 03 Sep, 2020 | 1 min read
Nehadeep??

"सजी संवरी मै आई दुल्हन, तुम्हारे अंगना ""पिया ..

 नई थी ,सबके लिए और सब मेरे लिए...

प्यार के स्पर्श ने मुझको छुआ ...

सबके प्यार ,दुलार ,आशीर्वाद से बनी.

मैं सबकी और सब मेरे...

जो मेरे अधूरी सपने सब हो गए पूरे...

पहले थी डरीं ,सहमी सी...अब मुझे किसी का डर नहीं..

 सब के लिए बनी प्रेरणा ... अपनी पहचान बनाती हूं ...

 प्रेम से सींची जो अपनी बगिया ....मन के फूल खिलाती .हूँ..

मां बनी फूले नहीं समाती हूं ..प्रेम में आस मुझे

संग परिवार त्योहार सजाती ,मनाती हूँ...

बस एक ही गीत गुनगुनाती हूं ....मिले हो तुम हमको बड़े नसीबो से...

@नेहादीप

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Neha Srivastava

nehadeep

Comments

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  • ARCHANA ANAND · 5 years ago last edited 5 years ago

    बहुत प्यारी कविता

  • Neha Srivastava · 5 years ago last edited 5 years ago

    धन्यवाद अर्चना जी??

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