बरसो.. बरस किया इंतजार....
अब आई घड़ी, भये रामलला विराजमान...
गूंजी जय श्री राम ,शंखनाद ,घंटियों से.....
दुल्हन सी फिर सजी... अयोध्या नगरी अपनी,,, हजारों दीपों की लग गई फुलझड़ियां
सावन लेकर आया ,खुशियों की बहार
रंगोली से सजी अयोध्या नगरी अपार...
फूलों से हुआ अयोध्या शोभायमान...
सरयू तट पर लगी फुलझड़ियां ...
दीपों से फिर जगमगा गई...अयोध्या नगरी अपार...
रंग रोगन से चमक उठी...
सतरंगी रंगों में मनोरम दृश्य मे समा गई ...
पवित्र नदियों का पानी ,,पावन मिट्टी उपयोग मे आई
रंग बिरंगी रोशनी से चमचमा गई
दुल्हन सी फिर सजी.... अयोध्या नगरी अपार
व्यापार बढ़ेगा,,रोजगार बढ़ेगा...
अब ना कोई अपनी नगरी से दूर हटेगा
जो बरसो से दूर गए ..
वो अपनी अयोध्या नगरी आना चाहें...
दुल्हन सी फिर सज गई ,, अयोध्या नगरी अपार...
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