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नानी जूही को सैंटा क्लॉस ने उसके मम्मी पापा से मिलवाया

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Namrata Pandey
Namrata Pandey 25 Dec, 2020 | 1 min read
#christmas

आज क्रिसमस हैं , जूही अपने मम्मी पापा के साथ अनाथ आश्रम जाने की तैयारी कर रही है. अनाथ आश्रम जहाँ उसने अपने बचपन के कुछ साल गुजारे और वह क्रिसमस का ही दिन था जब उसे अपने सेंटा यानी मम्मी पापा मिले , इसीलिए हर साल क्रिसमस के दिन वह मम्मी पापा के साथ अनाथ आश्रम जाकर वहां के बच्चों के साथ क्रिसमस मनाती है और उन्हें उपहार तथा केक बांटती है.

जूही को याद आया कैसे आज से 12 साल पहले क्रिसमस के दिन अनाथ आश्रम में होने वाले समारोह में शहर के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित होने वाले थे और ऐसी उम्मीद थी कि कुछ बच्चों को आज नये मम्मी पापा भी मिलेंगे , क्योंकि कुछ निसंतान दंपति आज वहां से बच्चों को भी चुन कर ले जाने वाले थे .हर साल जूही देखती थी कि उसके साथ के कुछ बच्चों को नया घर परिवार मिल जाता था पर उसे कभी कोई नहीं चुनता था अपने साथ ले जाने के लिए, क्योंकि वह जन्म से ही बिना हाथ की पैदा हुए थी. उसके हाथ नहीं थे परंतु फिर भी वह बिना हाथों के ही अपने सभी काम कर लेती थी, साथ ही वह पढ़ाई में भी अव्वल थी . वह अपने दोनों पैरों से पेंसिल पकड़कर लिखती थी और चित्रकला भी बहुत अच्छी बनाती थी .आज के समारोह में जूही एक गीत प्रस्तुत करने वाली थी. जैसे ही जूही ने गाना शुरू किया "तू कितनी अच्छी है, तू कितनी भोली है प्यारी प्यारी है, ओ मां...ओ मां... तो सभी की आंखों में आंसू आ गए और मेंहमानों में से एक दम्पति ने आगे आकर उसे गोद में उठा लिया और यही से जूही का नया जीवन शुरु हुआ. क्रिसमस से एक दिन पहले जूही ने सपने में सेंटा को देखा था सेंटा ने जूही से वादा किया था कि वो जूही को उसके मम्मी पापा से मिलवाएंगे. संता ने अपना वादा पूरा किया था.

जूही अपने मम्मी पापा से बहुत प्यार करती थी और मम्मी पापा भी जूही के बिना एक पल भी नहीं रह सकते थे. पुरानी बात याद करते-करते जूही की आंखों में आंसू आ गए . जूही सोचने लगी क्या उसे जन्म देने वाले मम्मी पापा ने उसे इसलिए अनाथ आश्रम में छोड़ दिया था क्योंकि उसके हाथ नहीं थे और अगर सेंटा ने उसे नये मम्मी-पापा से ना मिलवाया होता तो उसका क्या होता . यह सोचकर जूही की आंखों में आंसू आ गए, तब तक मम्मी आ गयी और उन्होंने उसकी आंखें पोछते हुए उसे गले से लगा लिया. पापा ने गाड़ी का हॉर्न बजाया और जूही अपने मम्मी पापा के साथ अनाथ आश्रम जाने के लिए रवाना हो गई.

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