Namita Gupta
Namita Gupta 28 Apr, 2025
सृजन के रास्ते
बगैर बसंत का इंतजार किए / बगैर पतझड़ को कोसें मैंने जड़ों के रास्ते सिर्फ मिट्टी पर विश्वास किया, धूप में झुलसा,, बारिश में भीगा हवाओं की मार सही और एक दिन,,उग आया कहीं बहुत गहराई से तब्दील होता रहा हरियाली के वट वृक्ष में, मैंने बदला लिया विध्वंस से नहीं, बल्कि सृजन के रास्ते और तमाम विष बेलों को चुपचाप खत्म करता रहा !!

Paperwiff

by namitagupta

28 Apr, 2025

#बदला

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