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Different use of a language

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Moumita Bagchi
Moumita Bagchi 19 May, 2020 | 1 min read

हिन्दी भाषा का इतिहास भाग- 9

इस भाग में हम चर्चा करेंगे हिन्दी भाषा के विविध रूपों के बारे में।

हिन्दी भाषा प्रयोग के विविध रूप

मानक भाषा: भाषा के आदर्श अथवा परिनिष्ठित रूप को ' मानक भाषा' कहा जाता है। मानक भाषा को टकसाली भाषा भी कहते है। कोई बोली या विभाषा जब साहित्यिक, राजनीतिक, सामाजिक अथवा धार्मिक कारणों से क्षेत्र विशेष की सीमाओं से निकलकर अन्य बोलियों के क्षेत्र में भी शिक्षित समुदाय में बोली जाने लगती है और उसको व्याकरण सम्मत बनाकर उसे मानक स्वरूप दे दिया जाता है, तो वह मानक भाषा कहलाती है।

संपर्क भाषा
एक विस्तृत क्षेत्र में विचार- विचार या व्यापार आदि के लिए प्रयुक्त भाषा ' संपर्क भाषा' कहलाती है अंग्रेजी में इसे lingua franca ।

राजभाषा
राजभाषा का सामान्य अर्थ है किसी देश के राजकीय कार्यों में प्रयुक्त होने वाली भाषा। केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा जिस भाषा में पत्र व्यवहार और राजकीय कार्य सम्पन्न होते हैं। वह राजभाषा है। हिन्दी भारत संघ की राजभाषा ( official language) है।

राष्ट्रभाषा
राष्ट्रभाषा देश की बहुसंख्यक जनता ( शिक्षित-अशिक्षित) द्वारा प्रयुक्त की जाती है। हमारे देश की कोई राष्ट्रभाषा( National language) नहीं है। संविधान द्वारा 22 मुख्य भाषाओं को एक सूची में शामिल किया गया है, जिनमें से अधिकतर राज्य की राजभाषाएँ हैं।

संविधान के अष्टम अनुसूचि की भाषाएँ इस प्रकार हैं:-

हिन्दी, बंगला, तेलुगू, मराठी, उर्दू, गुजराती, तमिल,। पंजाबी, कश्मीरी, ओडिया, कन्नड़, संस्कृत, सिन्धी, असमिया, मयलायलम, कोंकणी, मणिपुरी, नेपाली, बोडो, संथाली, डोगरी, मैथिली। ( कुल 22)

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