होली है होली

होली खुशियों का त्योहार

Originally published in hi
Reactions 0
865
Monika Khanna
Monika Khanna 02 Mar, 2020 | 1 min read

होली के नाम से ही आंखों के आगे लाल गुलाबी नीले पीले रंग तैर जाते हैं। इन रंगों को देखते ही गुजर गया बचपन आहिस्ते से आकर कानों में सरगोशियां करते हुए कहता है ,
"चल ना ए दिल फिर से जी ले जरा,
बचपन की गलियों में मिल ले  जरा ,
मासूम नादानियां कर ले जरा ,
नीले पीले लाल गुलाबी
रंगों से दामन भर ले जरा"

हमारे प्रांत उत्तर प्रदेश में होली बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। शिवरात्रि के दिन से ही होली का शुभारंभ हो जाता है। हर गलियों, सड़कों के चौराहों पर होलिका स्थापित कर दी जाती है। शिवरात्रि के दिन भगवान पर गुलाल चढ़ाया जाता है। होलिका दहन की तैयारी बहुत जोरों शोरों से चलती है। लड़कों की एक टोली बना दी जाती है जो घर-घर जाकर होलिका दहन के लिए चंदा मांगते हैं। इसी चंदे से इकट्ठे  करें गए रुपयों से चौराहों पर स्थापित होलिका को सजाया जाता है होलिका दहन के दिन।
होली पर हमारे यहां नए कपड़े ही पहने जाते हैं। यूपी में गुझिया मुख्य पकवान के रूप में प्रसिद्ध है।
होलिका दहन के लिए पूजा की सामग्री में बूट (ओले) यानी हरे ताजे चने , गेहूं की बालियां , गोबर के उपले, गुलाल और गुझिया का थाल सजाया जाता है जिसे लेकर परिवार के सभी व्यक्ति साथ में जाकर होलिका दहन के समय होलिका में चढ़ाते हैं गेहूं की बाली लेकर होलिका की सात बार परिक्रमा करके गुझिया, बूट , गोबर के उपले होलिका को समर्पित कर देते हैं और उसके बाद एक दूसरे को गुलाल का टीका लगाकर गले मिलते हैं और घर वापस आकर ठाकुर जी पर भी गुलाल बरसाते हैं।
अगले दिन सुबह से ही होली की धूम मच जाती है ।बड़े-बड़े म्यूजिक सिस्टम पर नाचना गाना उसके साथ साथ माताओं और बहनों की मदद से बना नाश्ता आलू के पापड़ , चिप्स गुझिया, समोसा और खासतौर पर ठंडाई ( सादी एवं भांग की) का सेवन कर हुड़दंग मचना चालू हो जाता है जो दिन के 2:00 बजे तक चलता है।
शाम को सब कठिनाई से उतारे गए रंगो के बाद नये कपड़े पहन पास के ही किसी मंदिर में दर्शन करने जरूर जाते हैं । उसके बाद चलता है होली मिलने का कार्यक्रम सब एक-दूसरे के गले लग कर होली की मुबारकबाद देते हैं। बड़ों के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेने की परंपरा आज भी कायम है। होली एक ऐसा त्यौहार है जिसमें दुश्मनी भुलाकर एक दूसरे पर प्यार से रंग लगाकर दुश्मन भी दोस्त बन जाते हैं।आज के व्यस्ततम जीवन में यह पल आज भी याद आते हैं। त्योहार और हर्षोल्लास की इस परंपरा को हम सब आज भी आगे बढ़ाने की कोशिश में लगे रहते हैं। ऐसी रंगो से रंगीन दिलवालों की टोली से भरपूर होली होती है हमारे उत्तर प्रदेश में ।

0 likes

Published By

Monika Khanna

monikad47c09

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.