हिन्दी की महत्ता

चरण चूम नुक्ता हुई माथे लग हुई बिन्दी फ़र्क यही बस इन दोनों में बहनें हैं उर्दू और हिन्दी

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Manu jain
Manu jain 16 Sep, 2019 | 1 min read

एक अनोखा अनजाना सा लगाव छिपा है हिन्दी में

मन से मन को जोड़े जो वो भाव छिपा है हिन्दी में


"चरण वंदना" जैसा शब्द अंग्रेजी में ना मिल पाएगा

सच कहूं तो एक संस्कारी समाज छिपा है हिन्दी में


उर्दू-संस्कृत शब्दकोश को जिसने समेटा दामन में

हर रंग में घुल जाए जो वो आव छिपा है हिन्दी में


हर रिश्ता जिसमें पृथक् नाम से पुकारा जाता है

हर रिश्ते की गरिमा का लिहाज छिपा है हिन्दी में


जब शब्द निशब्द हो तो भाषाएं गुम हो जाती है

तब भी नए युगों का एक आगाज छिपा है हिन्दी में


यूंही नहीं मेरे लेखन को पहचान मिल पाई है

मेरी इस कलम की ताक़त का "राज" छिपा है हिन्दी में


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