नाचे मयूरी

मन मे ठान लो तो जीत पक्की है

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Manpreet Makhija
Manpreet Makhija 26 Jul, 2020 | 1 min read

नाचे मयूरी

कल्पना चावला गर्ल्स कॉलेज, की सभी लड़कियां जोर शोर से तैयारियों में व्यस्त थी। कॉलेज , हमेशा से ही अपने प्रतिभावान छात्राओं के उत्तम परिणाम के कारण जिले भर में प्रसिद्ध था । इतना ही नही ....कॉलेज में समय समय पर आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी कॉलेज की लड़कियों ने सदैव अपना अच्छा प्रदर्शन रखा। आज, नए सत्र का पहला कार्यक्रम कॉलेज में आयोजित किया गया है।

सभी लड़कियां सावन उत्स में अपनी अपनी प्रतिभाओं से भाग ले रही है। कोई सावन के गीत गाने वाली है, कोई मेहंदी प्रतियोगिता में तो कोई नृत्य के माध्यम से कार्यक्रम में आने वाले दर्शकों का मन मोह लेने की तैयारी में व्यस्त है।

"अरे मीना...., मयूरी कहाँ है! हमारे ग्रुप की शान है वो। आज शाम के डांस प्रोग्राम में उसे सेंटर में इसीलिए रखा है ताकि उसके डांस मूव्ज और एक्सप्रेशन से सभी दर्शक झूम उठे। इसके लिए उसे प्रजेंटेबल भी तो दिखना होगा। उसे कहो... अभी से तैयार होना शुरू कर दे।" कॉलेज की डांस टीचर ने उत्सुकता पूर्वक कहा।

"जी मैडम। यू डोंट वरी मैडम.. मयूरी सब सम्भाल लेगी। वो चीफ गेस्ट को स्पेशल इनवाइट करने गई है। बस, आती ही होगी।" मयूरी की दोस्त मीना ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया।

शहर के अन्य सभी महाविद्यालयों को आमंत्रण पत्रिका देकर एवं चीफ गेस्ट को खास तौर पर इनवाइट करके मयूरी उत्साह में भागते हुए कॉलेज वापिस आ रही थी। मयूरी के पैर तो यूँ भी थिरकते रहते और आज तो, उसके डांस प्रोग्राम की थी। मौसम ने भी मयूरी के उत्साह को और बढ़ा दिया। आसमान से गिरती बूँदे मयूरी के मन को दीवाना बना रही थी। मयूरी शुरू से ही बहुत डेडिकेटेड रही है। जिस काम को हाथ मे लिया , बस फिर सब भूलकर खुद को उसी में झंकझोर दिया। चीफ गेस्ट के ऑफिस की सीढ़ियां उतरकर ज्यों ही मयूरी अपनी स्कूटी पर बैठ कॉलेज की तरफ रवाना हुई...सड़क पर बारिश के पानी के साथ पड़ी गीले रेत पर उसकी स्कूटी स्लिप हो गई और वो , स्कूटी समेत धड़ल्ले से गिर पड़ी। उसके पाँव में जबरदस्त मोच आई थी । आस पास के लोगो ने उसे नजदीक के क्लिनिक में पहुँचाया और उसके फोन से पहला नम्बर कॉल किया । मयूरी की सभी सहेलियां क्लिनिक पहुँच गई।

जब डॉक्टर ने कहा कि, मयूरी के पैर में भारी मोच है और उसे चलना भी मना है तब मयूरी, का मन वैसा ही मर गया जैसे बारिश में नाच रहे किसी मोर का मन हो जाता है जब वो अपने बदसूरत पैरो पर नजर डालता है । मयूरी को आज अपने शरीर पर अपने पैरों पर वैसा ही क्रोध आ रहा था।

मयूरी की खास सहेली मीना ने , उसे सम्भालते हुए कहा..."मन मे दृढ़ निश्चय रखो तो सब मुमकिन है मयूरी। जब एक विकलांग अपनी बैसाखियों के सहारे मन मे जीत का संकल्प लिए माउंट एवरेस्ट भी चढ़ सकता है ,तो फिर तुम्हे तो सिर्फ कॉलेज के फंक्शन में नाचना है सिर्फ। " मयूरी अपनी सहेली के इन बातों में छिपे प्रेरक सन्देश को भाँप गई।

शाम के फंक्शन शुरू हो चुका था। सावन उत्सव में शामिल सभी प्रतिभागी अपना परफॉर्मेंस दे चुके थे। अब आख़री बारी थी मयूरी नृत्य दल की। बाहर मैदान में उत्सव आयोजित किया गया था ताकि सावन की पड़ती हल्की बौछारों से हर दर्शक का दिल मौज में बहता रहे। जब मयूरी के दल का नाम अनाउंस हुआ तो , फर्स्ट लाइन में बैठे कॉलेज के प्रिंसिपल और स्टाफ , सभी प्रोफेसर थोड़े चिंतित हुए कि कैसे मोच खाये हुए पैर के साथ मयूरी नृत्य प्रदर्शित करेगी। लेकिन , स्टेज पर आते ही मयूरी नृत्य दल ने सभी दर्शको के दिल मे जोश भर दिया। मयूरी दल की प्रत्येक नृत्यांगना व्हील चेयर पर बैठकर स्टेज में प्रवेश करती है और क्लासिकल गाने की रिदम पर अपने हाथों एवं चेहरे के हाव भाव से , गाने में जान फूंक दी। अपने पैरों को थिरकाये बिना भी मयूरी नृत्य दल ने ऐसा शानदार नृत्य प्रदर्शित किया, कि चीफ गेस्ट के तौर पर आए जिला प्रमुख ने सबसे पहले खड़े होकर तालियां बजाई। और स्टेज पर जाकर कहा....

"नृत्य केवल वह नही जो पैर पर किया जाए। नृत्य तो वह है जो मन से झूम कर किया जाए और देखने वाले को भी मन से नाचने पर मजबूर कर दे। इस दल को मैं अपनी तरफ से इक्कीस सौ रुपए की राशि ईनाम के तौर पर देता हूँ। वेरी गुड बच्चियों, ऐसे ही उमंग और जोश जीवन के मंच पर भी बनाये रखना।मयूरी और बाकी सभी लड़कियां आँखे भिगोकर मुस्कुराने लगी और आसमान से बरसती बूँदों ने अपना आशीर्वाद भी दिया।


मनप्रीत,



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Manpreet Makhija

manpreet

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Surabhi sharma · 3 years ago last edited 3 years ago

    Beautiful story

  • ARCHANA ANAND · 3 years ago last edited 3 years ago

    सुंदर रचना

  • Moumita Bagchi · 3 years ago last edited 3 years ago

    प्रेरणादायी रचना, बहुत सुंदर!

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