खौफनाक रात

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Manisha Bhartia
Manisha Bhartia 10 Jul, 2020 | 1 min read
Kumar sandeep

राज और पूजा गोवा में अकेले रहते थे।, पहले पूजा अपने सास-ससुर के साथ टाटा में ही रहती थी, लेकिन राज की रेलवे की नौकरी थी।, इस कारण से उसका तबादला हर दो-तीन साल में एक जगह से दूसरी जगह होते रहता था।, इस बार उसका तबादला गोवा में हुआ, इस कारण से राज बहुत चिंतित रहता था, क्योंकि उसके माता-पिता बूढ़े हो गये थे, और चलने फिरने में भी असमर्थ थे।" इसलिए वह उन्हें अपने साथ नहीं ले जा सका, उसने उनके लिए 24 घंटे की कामवाली रख दी थी।,जो उनका बहुत अच्छे से ध्यान रखती थी।, हालांकि व कामवाली अपनों की तरह ध्यान रखती थी।, पर बहू बेटे की जगह तो नहीं ले सकती थी।," हर 15 दिन ,1 महीने में मां बाबूजी का फोन आ जाता बेटा मिलने आ जाओ जिदंगी का क्या भरोसा है, कब चले जाएं, जब तक सांसे चल रही है आते-जाते रहा करो। तुम्हारे और बहू के आने से सुकून मिलता है और यह भी लगता है की अपना कोई है। , राज बीच बीच में पूजा को लेकर मां बाबुजी से मिलने जाया करता था, ताकि उन्हें यह न लगे की बेटे को तो उनकी कभी याद ही नहीं आती। बस काम वाली के भरोसे छोड़ दिया। सब कुछ ठीक ही चल रहा था।, तभी एक दिन राज काम से जल्दी लौट आया।, और पूजा से कहा पिक्चर देखने चलोगी।' पूजा ने कहा नेकी और पूछ पूछ! कम से कम आपने मेरे बारे में इतना सोचा तो सही मैं घर पर बैठे-बैठे कितनी बोर हो जाती हूं। ठीक है तो तुम तैयार हो जाओ आधे घंटे में निकलेंगे।" पूजा तैयार होकर आ गई और दोनों पिक्चर देखने निकल पड़े।संध्या का शो था ।जाहिर सी बात है आते आते रात होने वाली थी।, "पिक्चर खत्म होते ही राज ने टैक्सी ली और दोनों उसमें बैठ गए। ,टैक्सी थोड़ी आगे बढ़ी होगी तभी राज और पूजा ने देखा चार लड़के जबरदस्ती एक लड़की को गाड़ी में पकड़ कर ले जा रहे हैं।, वह लड़की चिल्ला रही थी।, बिलख रही थी, मुझे छोड़ दो, मुझे छोड़ दो! उन्होंने उसकी एक न सुनी जबरदस्ती गाड़ी में बिठा लिया और उसके साथ जबरदस्ती करने लगे। , वह मदद के लिए चिल्ला रही थी।, कृपया कोई तो बचाओ मैं मुसीबत में हूं।" भगवान के लिए कोई तो आओ। राज से यह सब देखा नहीं किया तो राज ने ड्राइवर को गाड़ी रोकने के लिए कहा! , गाड़ी से उतरा। " उसने गाड़ी का पीछा भी किया! बहुत मिन्नतें भी की लड़की को छोड़ दो वरना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। ऐसे किसी के साथ जबरदस्ती नहीं कर सकते! लेकिन उन्होंने उसकी एक न सुनी! और देखते ही देखते लड़की का बलात्कार करके उसकी आंखों के सामने लहूलुहान कर के सड़क पर फेंक दिया। राज कुछ ना कर सका।राज ने देखा लड़की की सांसें अभी भी चल रही थी ।,उसने बिना वक्त बर्बाद किए लड़की को उठाया और हॉस्पिटल ले गया। पूजा ने कहा इस सब झमेले में मत पड़िए अगर इसे कुछ हो गया तो हम मुसीबत में पड़ जाएंगे।राज ने कहा इंसानियत नाम की भी कोई चीज होती है ,मैं ऐसी अवस्था में किसी को मरने के लिये नहीं छोड़ सकता था। "ना तुम चिंता मत करो! सब ठीक हो जाएगा फिर पूजा ने भी सहमति में सिर हिलाया और दोनों डॉक्टर से उसके ट्रीटमेंट के लिए बात करने लगे।डॉक्टर साहब जल्दी इन्हें एडमिट कर लीजिए हालत बहुत दयनीय है।, लेकिन डॉक्टर ने कहा यह पुलिस केस है, मैं ऐसे इनका इलाज नहीं कर सकता पहले आप पुलिस को लेकर आइए, राज ने कहा जब तक पुलिस को लेकर आऊंगा इनकी मौत हो जाएगी।, इंसानियत के नाते ही सही कृपया इनका इलाज शुरू कीजिए। डॉक्टर ने एक न सुनी और कहा आपको इन्हें यहां लेकर ही नहीं आना चाहिए था।, यह चंद घड़ियों की मेहमान है। मेरी माने तो आप यहां से निकल जाइए और लड़की को जहां से से लाए थे।, उसे वहीं छोड़ आइए। नहीं तो मैं भी फसुंगा और आप भी! लेकिन राज से रहा नहीं गया।बह पुलिस स्टेशन गया, और जल्दी-जल्दी सारी बातें बता कर पुलिस को हॉस्पिटल ले आया। लेकिन तभी डॉक्टर ने बताया कि लड़की की मौत हो चुकी है। राज तो जैसे असमंजस में ही पड़ गया! और यह सोचने लगा अगर डॉक्टर समय से इलाज कर देता तो लड़की बच सकती थी।, लेकिन अब क्या हो सकता था। रवि के हाथ में कुछ नहीं था। राज और पूजा दोनों घर लौट आए।, लेकिन वो खौफनाक रात भुलाए नहीं भूल रही थी।, वह यही सोच रहे थे ,हमने आखिर पिक्चर देखने का प्रोग्राम बनाया ही क्यों! उस दिन के बाद से वह दोनों कभी चैन से नहीं सो पाए! बार-बार उनके जहन में उस लड़की का बिलखता का चेहरा आ रहा था। वो खौफनाक रात भुलाये नहीं भुल रही थी। एक बार तो जैसे उन दोनों की दुनिया ही रुक गई थी।,

दोस्तों कहानी का मर्म तो आप समझ ही गए होंगे। वैसे यह कोई कहानी नहीं हकीकत है। हम सब अपने आसपास हो रहे अत्याचार को देखते रहते है, लेकिन कोई बचाने के लिए आगे नहीं आता। हर इंसान के मन में यह डर रहता है कि पुलिस के झमेले में कौन पड़े! और इसी कारणवश कई मासूम लड़कियों की आबरू लगातार इसी तरह लुटती रही है। यहां बचाने के लिए सिर्फ एक राज था ।अगर राज की तरह ही और 4 लोग आगे आते! तो क्या उन लड़कों की हिम्मत पड़ती! सरेआम उस लड़की को बेआबरू करने की। हम सब को जरूरत है एकजुट होकर इस अत्याचार के खिलाफ लड़ने के लिए! जिससे कि इनवेसिय दरिंदों की रुह तक कांपने लगे, जब भी वह किसी लड़की को हाथ लगाने के बारे में सोचे भी! बस इतना ही कहना था।

आपको क्या लगता है राज ने उस लड़की को बचाने की कोशिश करके गलत किया था।,और डॉक्टर ने उसका इलाज न करके सही किया था।

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आपकी अपनी

@मनीषा भरतीया

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Manisha Bhartia

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