इश्क़ ❤

इश्क़ का एहसास

Originally published in hi
Reactions 0
1205
Manisha Dubey
Manisha Dubey 19 Feb, 2020 | 1 min read

हवाओं में दुपट्टे का लहराना इश्क़ है

फिज़ाओं में गुल का खिल जाना इश्क़ है

हो कर खफ़ा जब देने लगे दिल सज़ा

प्रेम गीतों से दिल को बहलाना इश्क़ है

हर गली कूचों में इश्क़ एक नयी कहानी कहता है

ग़र हो सच्चे दिल से तो वो इश्क़ रुहानी लगता है

एहसासों को दिल में दबाना इश्क़ है

ज़िंदा रह कर किसी पर मर जाना इश्क़ है

उठाकर पलकें एक झलक देखना उनको

फिर धीरे से नज़रों को झुकाना इश्क़ है

करने लगी सज़दे मैं, ऐ इश्क़ तेरी ख़ातिर

देखने लगी तुझमें ख़ुदा मुझ जैसी क़ाफ़िर

आँखों से दिल में उतर जाना इश्क़ है

रूह में किसी को बसाना इश्क़ है

न हो ख्वाहिशें जहाँ जन्नत की

यार की बाहों में सुकून पाना इश्क़ है।

©®मनीषा दुबे 'मुक्ता'

0 likes

Published By

Manisha Dubey

manisha dubey4lhc

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.