चलो आज फिर ...
कुछ मेरी सुनना कुछ अपनी सुनाना ...
कुछ पल के लिए एक दूजे के हमदर्द बनते हैं ...
चलो आज फिर मन की बात करते है ...
भूलकर पुरानी रंजिशों को , माफ करे हर कहासुनी को ...
एक बार फिर से एक दूजे के गले लगते है ...
चलो आज फिर मन की बात करते है ...
वो प्यारे से बीते पल हसीन लम्हे हसीन शाम.....
खट्टी मीठी वो सुनहरी यादे फिर से वो पल "जी" लेते है ...
चलो आज फिर मन की बात करते है ...
हमने न जाने बात पर कितना सुना औऱ कितना सुनाया ...
आज बैठकर एक दूजे से किस्से हजार कहते है ...
चलो आज फिर मन की बात करते है ...
क्या खोया क्या पाया , सफलता के कितने अम्बर हैं छुएं ...
आओ फिर एक दूजे के हमसफ़र बनते हैं ...
चलो आज फिर मन की बात करते है ...
चलो ज़िंदगी का सफर तय करते हैं ...
थोड़ा मैं ,थोड़ा तुम बढ़ हम हाथ थाम लेते है ...
चलो आज फिर मन की बात करते है ...
इस साल को अलविदा करते हैं,आने वाले नये साल की खुशी मनाते है.....
चलो!!एक दूजे को वापस दिल से अपनाते हैं.....
चलो आज फिर मन की बात करते हैं।।
ममता गुप्ता
अलवर राजस्थान
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.