अजब शय है मोहब्बत भी - कुमार आशू की ग़ज़ल

मोहब्बत से भरी एक ग़ज़ल

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कुमार आशू
कुमार आशू 05 Sep, 2020 | 1 min read

?❣️ #खिदमते_पेशकश_ताजातरीन_ग़ज़ल ❣️?

"अजब शय है मोहब्बत भी वही खोना जिसे पाना..!मगर इसके लिए मंजूर है सौ बार मर जाना..!

तुम्हारे इश्क़ के बस दो ही पहलूँ याद हैं मुझको..

तेरे आने पे खिल जाना तेरे जाने पे मुरझाना..!!


गज़ब ये है, तेरा मिलने का अक्सर वायदा करना..

सितम ये है, उसी वादे से मौके पर मुकर जाना..!!


तअल्लुक है महज इतना कि तुमको चाहते हैं हम,

तकल्लुफ है, फक़त तेरे लिए दुनिया से टकराना..!!



हमें मालूम भी है, तुम हमारे हो नही सकते,

मगर जिद है कटेगी उम्र बनकर तेरा दीवाना..!!


मेरी शय में नही शामिल तख़त की भी कदमबोसी,

मगर देखा तुम्हें, तबसे बना फिरता हूँ परवाना..!!


चलो छोड़ो, महज इतना बता दो ये भला क्या है,

मेरे तोहफे को ले लेना मेरी चाहत को ठुकराना..!!

- कुमार आशू

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कुमार आशू

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Comments

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  • Kumar Sandeep · 5 years ago last edited 5 years ago

    प्यारी रचना

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