टूटा हुआ छत्त

बेबस माता-पिता की कहानी

Originally published in hi
Reactions 0
523
Kavita Singh
Kavita Singh 24 Aug, 2020 | 1 min read

अरे कमला ज़रा एक गिलास पानी तो देना...राम प्रसाद जी ने खटिया पर बैठते हुए कहा.... हां सोहम के बाबूजी अभी ला रही हूं। कमला जी पानी देते हुए पूछती हैं आज बहुत देरी हो गई जी आने में? हां सोहम की अम्मा... आज मन्दिर में आरती के बाद सब लोग गप्पे हांकने लगे तो मैं भी बैठ गया।

सोहम का फोन आया था क्या ? सोहम की अम्मा....

ना जी कहां फ़ोन आया छोरे का !

कल बात हुई तो थी आपकी छोरे से , क्या कहा था उसने।

कुछ नहीं कहा बस इतना कहा कल बताता हूं...

आपने कहा था उससे कि घर अब हमारे रहने लायक नही है। इस बरसात में अगर घर की मरम्मत ना करवाई तो हमें मंदिर का सहारा लेना पड़ेगा

हां सोहम की अम्मा सब कहा था , हर साल की तरह उसने यही कहा , बाबूजी कल बताता हूं और उसका वो कल कभी नहीं आता।

कितने अरमानों से हमने पाल पोस कर बड़ा किया था सोहम को, आधे से ज्यादा खेत बेचकर उसकी पढ़ाई में लगा दी कि बेटा बड़ा होकर अपने माता-पिता और अपने गांव का नाम रौशन करेगा।

किस्मत की मार तो देखो सोहम की अम्मा बेटा बड़ा आदमी तो बन गया लेकिन बड़ा बनकर अपने अम्मा बाबूजी को भूल गया। शहर में जाकर अपने पसंद की लड़की से शादी कर ली। हमारी रजामंदी भी उसने जरूरी ना समझी..

तुम परेशान मत हो सोहम की अम्मा ,अगर इस बार भी सोहम ने पैसे नहीं भेजें छत्त बनवाने के लिए तो बचा हुआ खेत बेचकर मैं इस बरसात से पहले छत्त जरूर बनवा दूंगा।

मैं परेशान नहीं हूं जी , मैं बस दुःखी हूं तभी फ़ोन की घंटी बजती है।

हैलो... बाबूजी सोहम बोल रहा हूं

हां हैलो बोलो बेटा....

वो बाबूजी वो घर की छत्त बनवाने के लिए कह रहे थे आप ।

हां बेटा....

बाबूजी इस बार तो पैसों का इंतजाम नहीं हो पाएगा । वो बड़े शहरों के खर्च तो पता ही है आपको और आपकी बहू भी मां बनने वाली हैं इसलिए मैं अभी से ही पैसों की बचत कर रहा हूं इसलिए....

कोई बात नहीं बेटा, ये तो बहुत खुशी की बात है तू बहू और अपने आने वाले संतान की चिंता करो... हमारी चिंता मत करना। कहते हुए उनके आंखों से आंसू बह निकले।

कमला जी समझ गई वो भी अपने आंसूओं को अपनी साड़ी की पल्लू से पोंछने लगी।

सोहम की अम्मा तू बिल्कुल चिंता मत कर, मैं हूं ना इस टूटे हुए छत्त की मरम्मत कराने के लिए।




0 likes

Published By

Kavita Singh

kavitasingh

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Sonnu Lamba · 3 years ago last edited 3 years ago

    मार्मिक

  • Kavita Singh · 3 years ago last edited 3 years ago

    Sonnu Lamba ji thank you

Please Login or Create a free account to comment.