नन्हीं सी बूंद

नन्हीं सी बूंद

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Kanak Harlalka
Kanak Harlalka 27 Jun, 2021 | 0 mins read
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धीरे से गिरी एक नन्ही सी बूंद

छू गई गुलाब को , गुलाब खिल गया...


धीरे से गिरी एक नन्हीं सी बूंद झरने में

झरना सागर बन गया...


धीरे से गिरी एक नन्हीं सी बूंद मेरी आंखों से

मुझे जीवन मिल गया...


धीरे से गिरी एक नन्हीं सी बूंद रंगों में

और चित्र सज गया...


धीरे से गिरी एक नन्हीं सी बूंद मेरे होठों पर

मुस्कुराहट बन गई...


धीरे से गिरी एक नन्हीं सी बूंद धीरे धीरे खो कर

सृजन कर गई...।।।



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